दुखों का पहाड़: कर्ज लेेकर भी नहीं बच पाई भाई की जान, मासूम के सर उठा पिता का साया

6/1/2021 12:57:15 PM

भिवानी: महामारी का रूप लेकर फैले कोरोनावायरस ने लाखों जिंदगियों को मौत की नींद सुला दिया है तो कई जिंदगियों को तबाह करके रख दिया है। हरियाणा के भिवानी जिले में भी एक ऐसा परिवार है, जिसके एक सदस्य को कोरोना से बचाने के लिए कर्ज लेना पड़ा, इसके बावजूद भी उसे बचाया न जा सका और उसकी मौत से एक 1 साल का मासूम बच्चे के सर से पिता का साया भी उठ गया।

दरअसल, जिले के गांव  बलियाली निवासी प्रवीण कुमार की मौत 17 मई को कोरोना के कारण हो गई, जो अपने परिवार में इकलौता कमाने वाला था। प्रवीण के पिता की पहले ही मौत हो चुकी है। अब परिवार में केवल प्रवीन की पत्नी शीतल, मां रोशनी देवी और एक साल का बेटा विनय बचे हैं। प्रवीण मजदूरी कर के परिवार का पेट पाल रहा था। अब परिवार के सामने दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़ गए हैं। 

बलियाली निवासी अरविंद कुमार ने बताया कि उसके भाई प्रवीण को कोरोना संक्रमण के चलते 9 मई को हिसार के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पास में रुपये न होने के कारण कर्ज लिया। मगर 17 मई को प्रवीण की मौत हो गई। अब कर्ज देने वाले लोग रुपये मांग रहे हैं। कर्ज भी सिर पर हो गया और भाई भी नहीं बचा। दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।

प्रवीण की पत्नी शीतल ने कहा कि मैं ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं हूं। इसलिए कोई ढंग की नौकरी नहीं कर सकती हूं। अब तो सरकार से ही उम्मीद है कि वो मुझे कोई नौकरी प्रदान करे या आर्थिक सहायता प्रदान करे, ताकि परिवार का गुजारा चल सके। उन्होंने कहा कि अभी तो बेटा छोटा है, मगर दो-तीन साल बाद उसे स्कूल भी भेजना होगा। अगर कोई रोजगार ही नहीं हुआ तो उसके लिए फीस कहां से जुटा पाऊंगी।

शीतल ने बताया कि प्रवीण के जाने से हालात बहुत खराब हो गए हैं। वही एक कमाने वाला था। अब घर का गुजारा चलाने के लिए भी दूसरों का मुंह ताकना होगा। सरकार को हमारी मदद करनी चाहिए।
 

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Content Writer

Shivam