पानीपत के मैदान में आज ताकत दिखाएंगे सांसद सैनी

9/2/2018 11:27:47 AM

हिसार(संजय अरोड़ा): हरियाणा के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों का तूफानी दौरा करके रविवार को पानीपत के ऐतिहासिक मैदान में कुरुक्षेत्र के सांसद व लोकतंत्र सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार सैनी भाजपा को अलविदा कहते हुए भाजपा के खिलाफ ही नई पार्टी के गठन के साथ मोर्चा खोल देंगे। सैनी इस रैली के माध्यम से आज अपनी सियासी ताकत भी दिखाएंगे। 

गौरतलब है कि पानीपत के हुडा मैदान होने जा रहे लोकतंत्र बचाओ रैली के लिए पिछले काफी समय से सांसद सैनी व उनके समर्थकों ने अपनी पूरी ताकत लगा रखी है। यह रैली सांसद सैनी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्र बनी हुई है, क्योंकि इस रैली के मंच से जहां वे नई पार्टी के गठन का एलान करेंगे तो वहीं वे हरियाणा की सभी दस संसदीय सीटों के साथ साथ प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लडऩे का शंखनाद करते हुए अपना घोषणा पत्र भी जनता के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। सैनी समर्थकों के अलावा खुद सैनी का भी यह दावा है कि प्रदेश में अब से पहले जितनी भी राज्य स्तरीय रैलियां हुई हैं, पानीपत की रैली सभी का रिकार्ड ध्वस्त करेगी और कल यह साबित हो जाएगा कि हरियाणा के लोग अब किसका साथ और कैसा विकास चाहते हैं।  

शोषित समाज की हुई अनदेखी : रोहलीवाल
लोकतंत्र सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय सचिव राजकुमार रोहलीवाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश के गठन से लेकर आज तक जितनी भी सरकारें बनी उन्होंने एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत एक बड़े वर्ग की जमकर घोर अनदेखी की। उन्होंने जो नीतियां बनाई उससे शोषित समाज की अनदेखी हुई, परंतु आज उनका खोखलापन जगजाहिर हो चुका है कि उन्होंने किस तरह से दुर्भाग्यपूर्ण रवैया अपनाकर शोषित समाज को उनके अधिकारों से वंचित रखा।

दावा : सभी रैलियों के आज टूटेंगे रिकार्ड
रोहलीवाल ने कहा कि किसी भी देश व प्रदेश के लिए 70 वर्ष का समय काफी होता है और इस अवधि में सभी वर्गाें को कायाकल्प हो सकता है। टर्की का समाज 2 वर्ष में नए मॉडल के रूप में बुर्के से बाहर आ गया। चीन की अद्र्ध क्रांति ने 20 वर्षाें में विश्व में दूसरा स्थान हासिल कर लिया जबकि अंग्रेज भारत में आए तो उन्होंने 50 वर्षाें में भारत से राजतंत्र को उखाड़ फैंका और एक संघीय एवं प्रजातांत्रिक व्यवस्था कायम की। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय की लड़ाई पिछले करीब 500 वर्षाें से समय-समय पर समाज सुधारकों द्वारा लड़ी गई।

कितने ही संत और पंथ आए, जिनमें कबीर, रविदास, दादू, नानक, विवेकानंद, ज्योतिबा फुले, डा. भीमराव अम्बेदकर और राम मनोहर लोहिया जैसे समाज सुधारकों ने सामाजिक न्याय की लड़ाइयां लड़ी परंतु वे शोषण पर आधारित व्यवस्था को हिला नहीं पाए। इसलिए आज देश व प्रदेश को एक ऐसी क्रांतिकारी राजनीतिक पार्टी की जरूरत है जो आज सामाजिक न्याय स्थापित कर सके। सांसद राजकुमार सैनी इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
 

Deepak Paul