एम.एस.पी. पर किसानों को साधने में जुटे सरकार के मंत्री

8/5/2018 10:35:25 AM

चंडीगढ़(ब्यूरो): शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा है कि वर्तमान सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार ने किसानों को लाभ देने के लिए फसलों के लागत मूल्य पर 50 प्रतिशत का मुनाफा निर्धारित कर दिया है। रोहतक में उन्होंने कहा कि आजादी के कई दशकों के बाद देश में एक ऐसी सरकार आई है जिसने किसानों के कल्याण के लिए धरातल पर कार्य किया है।

 उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने न केवल किसानों की फसलों के दाम बढ़ाए हैं, बल्कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू करके किसानों को जोखिम मुक्त बना दिया है। शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान जब किसान की सरसों की फसल मंडियों में आई थी तो तत्कालीन सरकार ने तेल का आयात बंद कर दिया था और किसानों को लाभ पहुंचाने का काम किया था। हरियाणा का जिक्र करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में किसानों की फसलों के पहुंचे नुक्सान की क्षतिपूॢत करने के लिए राज्य सरकार ने अब तक का सर्वाधिक राशि का मुआवजा दिया था। 
 

किसानों का सपना साकार : बनवारी लाल
जनस्वास्थ्य अभियान्त्रिकी मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2022 तक देश के हर किसान की आमदनी दोगुनी करने का सपना देखा है जिसके तहत उन्होंने 2018 में ही फसलों के दाम लागत का डेढ़ गुणा करके एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने बताया कि केंद्र व प्रदेश में बनी भाजपा सरकारों ने अधिकतर योजनाओं व सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया है जिससे भ्रष्टाचार पर बहुत अंकुश लगा है। अब सभी विकास योजनाओं के टैंडर ऑनलाइन किए जा रहे हैं जिससे इनमें होने वाली मिलीभगत और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में मदद मिली है। 

पैंशन योजनाओं को ऑनलाइन किया गया है जिससे पहले की भांति मृत लोगों की पैंशन हड़पने का सिस्टम बंद कर दिया गया है और राशन भी अब अंगूठा लगाने से मिलता है जिससे राशन भी पात्र व्यक्तियों को ही दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज केंद्र व प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं का केंद्र ङ्क्षबदु गरीब ही होते हैं। मंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों में विकास परियोजनाएं देर से पूरी की जाती थी जिससे उनका बजट बढ़ जाता था। इससे परियोजनाओं पर खर्च भी ज्यादा होता था और वे देर से भी पूरी होती थी लेकिन वर्तमान सरकार द्वारा ऑनलाइन टैंडर के माध्यम से तथा पारदर्शी ढंग से कम कीमत पर परियोजनाओं का निर्माण करने वाली कम्पनियों को ठेके दिए जा रहे हैं।

Deepak Paul