नगर निगम को एनजीटी में जमा कराना होगा एक करोड़ 65 लाख

11/27/2019 11:43:14 AM

फरीदाबाद (ब्यूरो): नगर निगम पर अब एक और संकट आ गया है। सेक्टर-48 में खाली प्लाट के अंदर भरे सीवर के पानी से पर्यावरण को हुए नुकसान को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी को रिपोर्ट देकर 1 करोड़ 65 लाख रुपए जुर्माने के तौर पर जमा कराने के आदेश दिए हैं। सीपीसीबी की टीम ने पिछले दिनों मौके का दौरा कर एनजीटी को कहा कि भारी मात्रा में भरे सीवर के पानी से पिछले कई सालों में पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है इसलिए निगम को जुर्माना जमा कराना चाहिए। इसको लेकर मंगलवार निगम कमिश्नर सोनल गोयल ने अपने डीए ब्रांच के अधिकारियों से मीटिंग ली ताकि एनजीटी में रिपोर्ट दाखिल की जा सके। निगम को ये जुर्माना 2 दिसंबर से पहले जमा कराना है।

अभी नगर निगम के कर्मचारी अपने वेतन को लेकर प्रदर्शन कर रहे है। अस्थाई कर्मचारियों का दो माह से वेतन नहीं मिला है। जिसके कारण सभी कर्मचारी बुधवार को नाराज चल रहे हैं। वर्ष 1991-92 में हूडा ने सेक्टर 48 काटा था। लेकिन बाद में यहां कई प्लाटों पर कब्जा हो गया था। हुडा ने उक्त कब्जों को हटवाकर साल 1999-2000 से आंवटियों को पजेशन देना शुरू कर दिया। हुडा ने सेक्टर बसाने के बाद मार्केट के लिए करीब साढ़े तीन एकड़ जगह छोड़ रखी हैै। ये जगह प्रस्तावित मार्केट और ड्यूज एंड डोर मार्केट के बीच में है। पहले उक्त जमीन को किसी सरकारी विभाग को दे दी थी लेकिन सरकारी विभाग ने उस जमीन को सरेंडर कर दिया था। तब से आज तक न तो उक्त जमीन किसी को अलॉट की गई और न ही वहां मार्केट बनाया गया। इस प्लॉट पर सीवर व नाले का गंदा पानी जमा होता रहा। ग्राउंड वॉटर भी दूषित होता गया। स्थानीय लोगों ने एक याचिका एनजीटी में दायर की।

एनजीटी ने मई 2019 में नगर निगम पर 50 लाख का जुर्माना लगाया और कहा कि जल्द से जल्द सीवर के पानी को हटा कर जमीन को प्लेन किया जाए। इसके बाद एनजीटी ने सीपीसीबी की एक टीम गठित की थी जो इस पूरे मामले पर निगरानी कर रही थी। सीपीसीबी के साइंटिस्टों ने हाल ही में सेक्टर 48 का दौरा किया और एनजीटी को रिपोर्ट दी कि नगर निगम ने पर्यावरण का काफी नुकसान किया है इसलिए उन्हें 1 करोड़ 65 लाख रुपए का  जुर्माना  जमा कराना चाहिए। डीए ब्रांच के अधिकारी गिरिराज ने बताया कि 2 दिसंबर को एनजीटी में तारीख है। इसको लेकर रिपोर्ट दाखिल की जाएगी। ये भी कहा जाएगा कि नगर निगम ने वहां से पानी हटा दिया है इसलिए उससे मुआवजा न   लिया जाए।

Isha