ओलावृष्टि से 2 दर्जन से अधिक गांव में सरसों की फसल तबाह

12/14/2019 4:11:52 PM

भिवानी: वीरवार की रात खासकर लोहारू क्षेत्र के किसानों के लिए आफत की रात बनकर आई। इसका कारण यह है कि रात करीब एक बजे इस क्षेत्र के करीब एक दर्जन से ज्यादा गांवों में हुई ओलावृष्टि से सरसों की फसल 76 से 100 प्रतिशत तक बर्बाद हो गई।  इसके अलावा जुई एरिया के गांवों में ओलावृष्टि से यही हाल रहा।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों और सरकार के पास भेज दिया। वहीं, वीरवार को जिले में खासकर शाम और रात के समय हुई बारिश के चलते यहां के एक्यू.आई. में सुधार हुआ है। यहां बता दें कि वीरवार सुबह ही जिले में बूंदाबांदी का सिलसिला शुरू हो गया था। इसके बाद शाम 4 बजे शहर में बारिश आई और शाम 6 बजे बारिश ने तेजी पकड़ी तो वह रुक-रुककर 8 बजे तक होती रही। इस दौरान जिले के कुछ गांवों में बारिश का पैमाना 30 एम.एम. तक पहुंच गया था। इससे जिले के किसानों पर खुशी झलक आई थी, क्योंकि इस बारिश से उनकी फसलों को बहुत फायदा जो हो रहा था। 

आधी रात के बाद ढहाया ओलों ने कहर 
मगर किसानों को क्या पता था कि यह बारिश उनके लिए उस समय आफत बनेगी जब वे चिरङ्क्षनद्रा में होंगे और उनकी खासकर सरसों की फसल पर ओलावृष्टि से उन्हें भारी नुक्सान होने वाला है। इसका कारण यह है कि बारिश थमने के बाद रात करीब एक बजे खासकर लोहारू क्षेत्र के झुम्पा कलां, झुम्पा खुर्द, बारवास, बसीरवास, बिसलवास, अहमदवास, ढाणी ढोला, सोहांसड़ा, समसाबास, हाजमपुर, फरटिया भीमा, फरटिया ताल, फरटिया केहर के अलावा जुई गोलपुरा, भाखड़ा, हरिपुर, ललहाना, गोलागढ़, ढाणी शंकर, खैरपुरा, पात्थरवाली और लोहानी आदि गांवों में रात को जमकर ओलावृष्टि हुई। बताया जाता है कि इन गांवों में किसानों की सरसों की फसल 76 से 100 प्रतिशत तक खराब हो गई। 

बारिश वाले क्षेत्रों में किसानों को फायदा 
दूसरी ओर देखा जाए तो वीरवार शाम और रात के समय जिले के जिन क्षेत्रों में सिर्फ बारिश हुई वहां के किसानों की फसलों को फायदा ही फायदा हुआ है। इसका कारण यह है कि इस समय किसानों की सरसों, जौ, गेहूं, चने आदि की फसल बढ़वार की ओर थी। इसलिए इन फसलों को एक तो मौसम में ठंडकर चाहिए थी तो दूसरी ओर पानी की भी दरकार थी। इसलिए इस बारिश से फसलों की यह दोनों मांग इंद्रदेव ने पूरी कर दी। इसके अलावा इस बारिश के दौरान कुछ जगह तेज आंधी भी आई। उसके चलते सड़क मार्गों पर कीकर के पेड़ गिर गए। तेज आंधी का आलम यह था कि वीरवार रात करीब साढ़े 7 बजे टिटाणी और हेतमपुरा के बीच एक आटो और एक कार पर कीकर के पेड़ गिर गए। हालांकि इन पेड़ों के इन वाहनों पर गिरने से किसी व्यक्ति को चोट तो नहीं आई लेकिन ये वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

बचेगा लाखों का डीजल और लाखों यूनिट बिजली 
इस बारिश के चलते जिले के किसानों का लाखों का डीजल बचने की संभावना है। इसका कारण यह है कि जिन किसानों ने अपने खेतों में डीजल इंजन लगाया हुआ है वे डीजल इंजन से अपनी फसल को पानी की सिंचाई देते थे। इसी प्रकार जिले के जो किसान अपनी फसलों की सिंचाई बिजली से चलने वाले ट्यूबवैलों से करते हैं उन्होंने भी इस बारिश के चलते अपने ट्यूबवैल बंद कर दिए हैं। इसलिए इसके चलते जिले में बिजली की खपत में भी कमी आएगी। 

अब रोजाना आएगी जिले के तापमान में गिरावट 
दूसरी ओर इस बारिश से मौसम में भी ठंडक बढ गई है। इसके चलते जिले के तापमान में अब रोजाना गिरावट होगी। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शुक्रवार को जिले का न्यूनतम तापमान जहां 12 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया जबकि 19 और 20 दिसम्बर को जिले का न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सैल्सियस पर आने की संभावना है। इसके अलावा सुबह के समय जिले में धुंध छाने की भविष्यवाणी भी मौसम विभाग ने की है। इसके अलावा वीरवार को जहां जिले का एक्यू.आई. 385 दर्ज किया गया था वह वीरवार शाम और रात को हुई बारिश के बाद शुक्रवार को गिरकर 278 पर आ गया। हालांकि इसमें और भी सुधार हो सकता था, लेकिन शुक्रवार को भी जिले में हवा की गति 3 से 4 किलोमीटर प्रति घंटा ही रही। इसके चलते इसमें ज्यादा सुधार नहीं हो सका। 

यह बोले कृषि अधिकारी 
इस बारे में कृषि विकास अधिकारी चंद्रभान श्योराण ने बताया कि वीरवार रात आधी रात के बाद खासकर लोहारू और जुई क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि से जिले के 2 दर्जन से अधिक गांवों के किसानों की सरसों की फसल 76 से 100 प्रतिशत बर्बाद हो गई। उन्होंने बताया कि इस बारे में विभागीय अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर उसे उच्चाधिकारियों और सरकार के पास भेज दिया है। उन्होंने बताया कि जिन गांवों में सिर्फ बारिश हुई है उन गांवों के किसानों को इस बारिश से फायदा ही फायदा होगा। 

Isha