नई अनाज मंडी में सरसो की खरीद शुरू, 2 दिनों में 250 क्विंटल सरसो की हुई खरीद

3/29/2023 4:18:54 PM

गोहाना (सुनील जिंदल) : नई अनाज मंडी में हैफेड एजेंसी ने सरकारी खरीद शुरू होने के 13 दिन बाद मंगलवार को सरसों की सरकारी खरीद शुरू कर दी है। हैफेड एजेंसी ने 2 दिनों में अभी तक 250 क्विंटल सरसों की खरीद की है। एजेंसी के अधिकारियों ने किसानों को एमएसपी का लाभ लेने के लिए फसल को साफ एवं सुखा कर लाने की अपील की है।

प्राइवेट व्यापारी एमएसपी से कम में खरीद रहे सरसोः किसान

गोहाना की नई अनाज मंडी में बीते करीब 20 दिनों से सरसों की आवक हो रही है। सरकार ने सरसों की सरकारी खरीद के लिए शहर की अनाज मंडी को चिह्नित किया हुआ है। मंडी में सरसों की सरकारी खरीद हैफेड एजेंसी को करनी है। अधिकारिक तौर पर सरसों की सरकारी खरीद 15 मार्च से शुरू होनी थी। लेकिन फसल में नमी की मात्रा ज्यादा होने के चलते एजेंसी ने खरीद शुरू नहीं की। मंडी में सरसों की खरीद प्राइवेट व्यापारियों द्वारा की गई। सरकार द्वारा सरसों का एमएसपी 5450 रुपए निर्धारित किया गया है। लेकिन प्राइवेट व्यापारी सरसों को एमएसपी से करीब 300 से 400 रूपए कम भाव में खरीद रहे थे। किसानों की एमएसपी पर फसल खरीद की मांग के चलते मंगलवार से हैफेड एजेंसी ने सरसों की सरकारी खरीद शुरू कर दी है। पहले दिन एजेंसी ने करीब 112.5 क्विंटल सरसों खरीदा।

किसान फसल सुखाकर लाएं मंडीः हैफेड मैनेजर प्रवीण भारद्वाज

गोहाना हैफेड के मैनेजर प्रवीण भारद्वाज ने बताया गोहाना की अनाज मंडी में सरसों की सरकारी खरीद शुरू हो गई है। पहले दिन मंडी में 112.5 क्विंटल सरसों की खरीद हुई है। बुधवार को दूसरे दिन अभी तक 250 क्विंटल सरसो की सरकारी खरीद की जा चुकी है। मानकों पर खरी उतरने वाली फसल की ही खरीद की जाएगी। इस दौरान उन्होंने किसानों से फसल को सुखाकर लाने की अपील की।

मंडी में किसानों को फसल बेचने में हो रही परेशानी

हलांकि मंडी में अपनी सरसो की फसल बेचने आये किसानों ने बताया कि मंडी में  उनको अपनी सरसो की फसल बेचने में परेशानी हो रही है। सरकारी खरीद करने वाले अधिकारी उनकी फसलों में नमी ज्यादा बता कर उनकी फसल को नहीं खरीद रहे है। दूसरी और मंडी में प्राइवेट खरीदार एमएसपी से 300 से 400 रुपए तक उनकी फसलों के कम भाव लगा रहे है। ऊपर से बारिश होने से फसलों के खराब होने का डर है। वहीं एक अप्रैल से गेंहू की कटाई का भी काम शुरू हो जायेगा। जिससे किसानों को फसल बेचने में और परेशानी होगी।

 

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Mohammad Kumail