बरोदा उपचुनाव: नड्डा व अमित शाह करेंगे BJP या JJP की पार्टी से प्रत्याशी का फैसला

9/27/2020 1:33:54 PM

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला दोनों का एक साथ दिल्ली जाने के पीछे सयोंग है या कोई योजनाबद्ध प्रोग्राम।चर्चाएँ यह भी चुनाव आयोग की 29 सितम्बर को होने वाली मीटिंग में हरियाणा की बरोदा सीट के चुनाव घोषित हो सकते हैं। बरोदा सीट के उपचुनाव के लिए दो बड़े फैंसले दिल्ली दरबार मे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के दरबार मे होने हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल शनिवार शाम नड्डा जी से मिले भी हैं। पहला फैंसला यह कि उपचुनाव में भजपा या जे जी पी में से किस दल का उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। भजपा के हरियाणा में सभी बड़े दिग्गज यह पहले दिन से कह रही है कि भजपा आम चुनाव में नम्बर दो पर रही थी। भजपा का उम्मीदवार ही लड़ेगा। मुख्यमंत्री मनोहार लाल,प्रदेशाध्यक्ष ओ पी धनखड़,गृह मंत्री अनिल विज,कृषि मंत्री जे पी दलाल इस बारे में ठोक कर अपने दावे करते आ रहें हैं।

जे जी पी भी टिकट का दावा नही छोड़ रही।लगातार जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला, दिग्विजय चौटाला,वरिष्ट राष्ट्रीय नेता -के सी बांगड़ ,उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला ने यह कभी नही कहा कि जे जी पी वहां से चुनाव नही लड़ेगी।अकाली दल द्वारा भजपा व एन डी ए से नाता तोड़ने के बाद जे जी पी भी बरोदा से अपने उम्मीदवार को उतारने को लेकर दवाब की राजनीति कर सकती है।जेजीपी जाट बाहुल्य बरोदा पर अपनी पार्टी का उम्मीदवार उतार उसे जीता कर अपना आंकड़ा 10 विधायकों से 11 करने के प्रयास कर सकती है। भजपा व जेजीपी के सभी दिग्गजों के यह बयान एक जैसे अवश्य आएं हैं कि दोनो दल मिल कर लड़ेंगे।

पिछले साल हरियाणा में 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार श्री कृष्ण हुड्डा को 42 हजार 566 मत मिले व वह विजयी रहे थे।उनको वोट 34.67% वोटिंग हुई।नम्बर 2 पर रहे भजपा के योगेश्वर दत्त ।उनको 37 हजार 726 मत मिले।वोट 30.73%रहा। तीसरे पर जे जी पी के भूपिंदर रहे ,जिन्हें 32 हजार 480 मत मिले।वोट प्रतिशत रहा 26.45% रहा।कुल 11 उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया था।इनेलों के जोगिंदर को 3145 वोट मिले थे।वोट प्रतिशत 2.56 रहा था। बरोदा में जे जी पी  ,जिन्हें 32 हजार 480 मत मिले।वोट प्रतिशत रहा 26.45% रहा था कि भी पूरी नजर है। जाट बाहुल्य होने के कारण जेजीपी किसी सूरत में दावा नही छोड़ रही।जेजीपी व भजपा में बरोदा पर कौन लड़ेगा के लिए मंथन इसलिए भी ग़मबीर हो गया है क्योंकि कृषि अध्यदेशों के बाद किसानों,आढ़तियों के निशाने पर सत्ता पक्ष है।बरोदा में इसका डेंट न पड़े इसलिए जो भी उम्मीदवार हो को जितवाया जाए।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला का दूसरा मूददे में कुछ चेयर मैनस की नियुक्तति व मंत्री मंडल के शीघ्र विस्तार की भी चर्चा दिल्ली में आला नेतायों से हो सकती है।जिस प्रकार जे जी पी में  देवेन्द्र बबली के विस्फोटक बयान आए व जे जी पी ने किसी तरह उसे फिलहाल रोक है।जे जी पी मंत्रिमंडल विस्तार व चेयर मैनस की नियुक्तति शीघ्र करने के पक्ष में है।जे जी पी के दो विधायक कृषि अध्यदेशों के खिलाफ घरानों में जा चुके है।दो विधायक अलग सुर में हैं।जेजीपी अपना घर संभालना चाहती है। बरोदा उपचुनाव के लिए भजपा -जे जी पी सरकार द्वारा उमीदवार एक दल का व् सिंबल दूसरा व् झंडा दूसरे दल का फार्मूला भी चर्चा में हैं | यानि भजपा -जेजीपी गठबंधन सरकार के द्वारा हम सब एक हैं के तहत दोनों दलों के थिंक टैंक इस मुद्दे पर भी चर्चा कर चुके हैं | इस पर अंतिम मुहर लगेगी या नहीं इसका निर्धारण अभी होना तय नहीं है ।

अतीत में सोनीपत लोकसभा सीट तब की  हरियाणा लोकदल (वर्तमान में इनेलो )   ऐसे ही तजुर्बे कर चुकी है |  कृष्ण सिंह सांगवान 1999 में लोकदल व् भजपा गठबंधन में सोनीपत सीट से लोकदल के सक्रीय सदस्य होते हुए भजपा के सिंबल पर लड़े थे | सांसद बने थे व् मरते डीएम तक भजपा में रहे | इससे पहले 1998 में यहां से हरियाणा लोकदल के कृष्ण सिंह सांगवान को 2,90,299 वोट और एचवीपे के अभय राम दहिया के पक्ष में 1,52,975 वोट पड़े थे. 1999 में हुए चुनाव में बीजेपी के कृष्ण सिंह सांगवान को 4,57,056 वोट और कांग्रेस के चिरंजी लाल को 1,90,918 वोट हासिल हुए थे. 2004 में सोनीपत से बीजेपी के कृष्ण सांगवान को 2,33,477 और कांग्रेस के धर्मपाल मलिक को 2,25,908 वोट हासिल हुए थे. वहीं 2009 की बात करें तो कांग्रेस के जितेंद्र मलिक को 3,38,795, और बीजेपी के कृष्ण सिंह सांगवान को 1,77,511 वोट मिले थे।

जेजेपी अपने अंतर्कलह का कारण जानती व समझती है।जो 8 विद्यायक हैं उन्हें अभी तक कुछ नही मिला है।उनमे से 4-5 की एडजेस्टमेन्ट जरुरी है। कृषि विधेयकों के बाद किसानों ,ग्रामीणों के अस्तन्तोष के चलते जेजेपी भी सकते में तो है।मगर हरियाणा में भजपा सरकार के साथ सहज है।पँजाब में अकाली दल बादल द्वारा जिस तरह भजपा से अलग होने की बात कही गई का प्रभाव हरियाणा की राजनीति पर पड़ेगा।हरियाणा में देवीलाल परिवार के बादल परिवार से नाते दुख -सुख के रहे हैं।देवीलाल के पड़पोते दुष्यन्त चौटाला ,पोते -अजय चौटाला के साथ भी अकाली दल बातचीत कर समर्थन वापसी की बात करेगा।इसके साथ ही अकाली दल देवीलाल के पुत्र रणजीत सिंह जो बिजली मंत्री हैं से भी चर्चा कर रहा है।

 

Isha