जमीन धोखाधड़ी के आरोपों से घिरे सोहना के नायब तहसीलदार, आधा दर्जन कर्मचारियों पर मामला दर्ज

2/9/2023 7:16:51 PM

सोहना(सतीश कुमार) : जमीन धोखाधड़ी के एक मामले में सोहना के नायब तससीलदार सहित करीब आधा दर्जन कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने तहसीलदार शिखा गर्ग की शिकायत पर सोहना तहसील के मौजूदा नायब तहसीलदार, रजिस्ट्रेशन क्लर्क, रजिस्ट्रेशन क्लर्क के निजी सहायक, सेवादार और एक वकील सहित आधा दर्जन लोगों के खिलाफ सिटी पुलिस थाना में केस दर्ज किया है। वहीं नायब तससीलदार का दावा है कि इस मुकदमे में उनका नाम दर्ज करना गलत है।

 

 

2019 में पंजीकृत वसीका में गड़बड़ी करने के लगे आरोप

यह पूरा मामला दरअसल साल 2019 का है, जब गुरुग्राम के यशदीप बिल्डर के साथ बलवान सिंह नामक व्यक्ति ने जमीन का कॉलोब्रेशन किया था जिसका वसीका नंबर 1964 दिनांक तीन जून 2019 को पंजीकृत किया गया था। जब बलवान सिंह को किसी अदालती कार्य के लिए उक्त वसीका की जरूरत पड़ी तो उन्होंने बीती 3 जनवरी को सोहना तहसील कार्यलय में एक लिखित पत्र देकर वसीका की सर्टिफाईड कॉपी की मांग की। तहसील कार्यालय के कर्मचारी पहले तो उन्हे कई दिनों तक रजिस्टर गुम होने का बहाना बनाकर घुमाते रहे, लेकिन कई दिनों बाद रजिस्टर मिलने की बात कहकर नकल देने की बात कही। बलवान सिंह ने जब रजिस्टर देखा तो रिकार्ड के अंदर जालसाजी करके उनकी जगह एक फ़र्ज़ी रेजुकेशन दीपक अग्रवाल व विजय छाबड़ा के नाम किया हुआ था। पीड़ित का कहना है कि दीपक अग्रवाल पहले भी धोखाधडी के मामलों में शामिल रह चुका है। उसके खिलाफ कई मुकदमें भी दर्ज है।

 

 

तहसील के कर्मचारियों पर रुपए लेकर धोखाधड़ी करने के लगे आरोप

बलवान ने आरोप लगाया कि सोहना के नायब तहसीलदार लच्छीराम, रजिस्ट्रेशन क्लर्क रजनी, रजिस्ट्रेशन क्लर्क रजनी का निजी सहायक त्यागी, सेवादार नीरज, कपिल देव और एडवोकेट हरि अम्बावता ने दीपक अग्रवाल और विजय छावड़ा के साथ मिलीभगत की और मोटी रकम लेने के बाद रेजुलेशन को इन दोनों लोगो के नाम कर दिया। पीड़ित की शिकायत के बाद तहसीलदार ने आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत देकर मामला दर्ज कराया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच के बाद ही पीड़ित के आरोपों की सच्चाई सामने आएगी।

 

 

नायब तहसीलदार ने खुद को बताया बेगुनाह

धोखाधड़ी के आरोपों से घिरे नायब तहसीलदार खुद को इस मुकदमे में शामिल करने को गलत बता रहे हैं। उनका कहना है कि यह मामला साल 2019 का, जबकि सोहना तहसील में उन्हे 2021 में तैनात किया गया है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि यदि राजस्व रिकार्ड में किसी तरह की कोई भी हेराफेरी की गई है तो रिकॉर्ड का जिम्मेदार रजिस्ट्रेशन क्लर्क होता है न कि नायब तहसीलदार। वहीं सोहना से एसडीएम भी अपने स्तर पर इस मामले की जांच कर रहे हैं। वहीं पुलिस ने भी मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। 

 

 (हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)  

 

Content Writer

Gourav Chouhan