हरियाणा में 'नंदी टैक्स' पर बवाल, कर्मचारियों ने सरकार को दी चेतावनी

6/10/2017 11:16:36 AM

रोहतक (दीपक भारद्वाज):प्रदेश सरकार ने आवारा घूमने वाले सांड व बैलों को रखने के लिए 15 अगस्त तक नंदीशालाएं बनाने का निर्णय लिया है, जिसके लिए प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों से स्वेच्छिक अनुदान मांगा गया और हर जिले के उपायुक्तों द्वारा इसके लिए एक पत्र भी जारी किया गया। लेकिन सरकारी कर्मचारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। रोहतक पहुंचे सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सुभाष लांबा ने इसे जबरदस्ती थोपा हुआ दान बताते हुए इसकी निंदा की है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि इस फैसले को वापस लिया जाए नहीं तो कर्मचारी विरोध पर उतर आंएगे।

लांबा ने कहा कि भाजपा और आर.एस.एस. की विचार धारा को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी कर्मचारी का इस्तेमाल करना गलत है। वे इसकी घोर निंदा करते हैं। कोई भी प्राकृतिक आपदा आती है तो प्रदेश का सरकारी कर्मचारी उसमें बढ़चढ़ कर भाग लेता है। लेकिन यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है। इसे जबरन तरीके से लागू नहीं किया जा सकता। हमारे संज्ञान में मामला आया है कि भिवानी में इस चंदे के लिए कर्मचारियों पर दबाव बनाया गया, जिसका विरोध हुआ और वे इस तरह के फरमान को लागू नहीं होने देंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार ने यह निर्णय उनसे पूछ कर नहीं लिया। अगर भाजपा और आर.एस.एस. की विचार धारा को आगे बढ़ाना है तो सरकार के पास बहुत से फंड हैं और बडे़-बडे़ काॅरपोरट सैक्टरों को टैक्सों में छूट दी जा रही है, उसमें से कटौती करें। सरकारी कर्मचारी अपना पैसा क्यों दे। अगर सरकार ने इस फरमान को तुरंत वापिस नहीं लिया तो प्रदेश के कर्मचारी कोई बड़ा फैंसला ले सकते हैं। सरकार का काम होता है मदद करना, लेकिन सरकारी कर्मचारियों पर थोपना गलत है।