नारायण साईं की जमानत मामले में डी.एस.पी. क्राइम का एफिडेविट पेश

10/4/2018 12:00:48 PM

चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): रेप केस में दोषी आसाराम के बेटे नारायण साईं के खिलाफ हरियाणा में दर्ज आपराधिक केस में जमानत याचिका पर सरकार ने डी.एस.पी. क्राइम, पानीपत राजेश कुमार का एफिडेविट पेश किया, जिसमें नारायण साईं के खिलाफ लंबित केसों की जानकारी दी गई। सरकार ने साईं को जमानत का लाभ दिए जाने का विरोध किया है। बताया गया कि कुछ केसों में नारायण साईं सीधे रूप से शामिल पाया गया है। इनमें पानीपत में हत्या के प्रयास, ट्रैसपासिंग, धमकाने, आपराधिक साजिश रचने, आम्र्स एक्ट में वर्ष 2015 में दर्ज एक केस है।

 यह मामला ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट, पानीपत मुकेश कुमार की कोर्ट में लंबित है और अभी आरोप तय नहीं हुए। इस केस में 42 गवाह हैं। इसी तरह 2013 में गुजरात के सूरत में रेप, अननैचुरल सैक्स, छेड़छाड़, हथियारों समेत दंगा करने आदि धाराओं में केस दर्ज हुआ था। एडिशनल सेशंस जज, सूरत पी.एस. गढ़वी की कोर्ट में केस लंबित है और बहस जारी है। 2013 में ही गुजरात के सूरत में भ्रष्टाचार निरोधक कानून, आपराधिक साजिश रचने व अन्य धाराओं में एक और केस दर्ज किया गया था। वह केस भी एडिशनल सेशंस जज, सूरत पी.एस. गढ़वी की कोर्ट में लंबित है। उस केस में 78 सरकारी गवाह हैं। जिनमें से 23 की गवाही हो चुकी है। 

25 अक्तूबर को केस में बहस पेश की जाएगी। इससे पहले हाईकोर्ट ने केस के जांचकत्र्ता पुलिस अफसर को आदेश दिए थे कि 3 सप्ताह में एफिडेविट पेश कर बताए कि क्या याची(नारायण साईं) उन अन्य केसों में भी शामिल है जिनमें गवाहों को धमकाया, मरवाया या गायब करवाया गया है। नारायण साईं पर दर्ज एक रेप केस में गवाह को मई, 2015 में पानीपत में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार घायल कर दिया था।
 

Deepak Paul