राजनीति को लेकर नवीन जयहिंद की युवाओं को सलाह, बोले- पढ़ाई-लिखाई करो, अपना घर बसाओं
punjabkesari.in Wednesday, Jul 24, 2024 - 08:37 PM (IST)
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): पिछले लंबे समय से जनहित के मुद्दों पर सरकार के साथ लड़ाई लड़ने वाले नवीन जयहिंद ने अब राज्यसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। हरियाणा में विपक्षी दल कांग्रेस और जेजेपी की ओर से अपने प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला लेने के बाद जयहिंद ने ये घोषणा की है। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस और जेजेपी के अलावा अन्य विधायकों से भी समर्थन की मांग की है। साथ ही जयहिंद ने राजनीति में आने वाले युवाओं को बड़ी सलाह दी है। इसके अलावा उन्होंने जनहित की लड़ाई लड़ने का दावा करने वाले सभी राजनीतिक दलों को भी खुला चैलेंज किया है। इनके अलावा कई अन्य मुद्दों को लेकर हमारे प्रतिनिधि चंद्रशेखर धरणी ने चंडीगढ़ में नवीन जयहिंद से खास बातचीत की। आखिर नवीन जयहिंद ने युवाओं को सलाह दी और राजनीतिक दलों को क्या चैलेंज दिया... पढ़िए पूरा इंटरव्यू।
सवालः नवीन जी किस आधार पर आपने कांग्रेस और जेजेपी से अपनी राज्यसभा उम्मीदवारी के लिए सहयोग मांगा है।
जवाबः कांग्रेस और जेजेपी के पास चुनाव लड़ने के लिए कोई कैंडिडेट ही नहीं है। जब इनके पास लड़ने वाला कोई पहलवान ही नहीं है, या हो सकता है कि वह ईडी और सीबीआई से डरता हो। इसलिए मैने एक महीना इंतजार करने के बाद चुनाव लड़ने की बात कही है, लेकिन उनकी घोषणा के बाद अब दुष्यंत चौटाला कहते हैं कि पहले हुड्डा साहब देंगे। हुड्डा साहब कहते हैं कि पहले दुष्यंत चौटाला दे देंगे, लेकिन वह लोग आपस में लेन-देने की बात कर रहे हैं। जब कोई भी दल अपना उम्मीदवार उतारने को तैयार नहीं हुआ तो उनके साथियों ने फोन कर कैंडिडेट बनाने को कहा। अब जब मैं कैंडिडेट बन गया हूं तो साथ दीजिए, क्योंकि वह साथ मांगने के लिए वह बीजेपी के पास तो जाएंगे नहीं। जनता से भी अपील है कि यदि उन्हें लगता है कि उनके किसी भी संघर्ष में उनका (नवीन जयहिंद का) साथ रहा है तो वह भी अपने इलाके के विधायक से जयहिंद का समर्थन करने को कहे।
सवालः पूर्व केंद्रीय मंत्री कहते थे कि राज्यसभा की सीट 100 करोड़ रुपए में मिलती है। अब कांग्रेस और जेजेपी अपना उम्मीदवार नहीं लाना चाहते। इसलिए जयहिंद बाजी मारना चाहते हैं।
जवाबः मेरे पास तो 100 करोड़ रुपए नहीं है। मेरे पास कहां से आएंगे ? बीरेंद्र सिंह के पास हो सकते हं, क्योंकि वह तो वित्त मंत्री भी रहे हैं। उन्हें ज्यादा पता होगा। वह एक सीनियर नेता है। हम तो उनके सामने अभी बच्चे हैं। मेरे पास केवल 21 साल का संघर्ष है। हरियाणा में कोई भी ऐसा नेता बता दो, जिन्होंने अपनी जिंदगी के 20 साल में से 10-10 साल चली दो सरकारों के खिलाफ संघर्ष किया हो। मेरे में क्या कमी है। पढ़ा लिखा हूं, पीएचडी हूं, जनता की आवाज उठाता हूं, और क्या चाहिए।
सवालः पढ़ने की बदौलत सरकारी नौकरी भी हासिल कर ली थी।
जवाब: वह तो इसलिए रह गई कि कोर्ट केस ही इतने है। अब किसी पत्रकार वार्ता में भी पुलिस पहुंच जाती है। रोहतक में मुख्यमंत्री या कोई नेता आ जाए तो सबसे पहले पुलिस तुरंत मेरे पास पहुंच जाती है। इसलिए मेरे पास 100-200 करोड़ नहीं है। मैं तो तंबू में रहता हूं, क्या करेंगे तंबू तोड़ देंगे, तो ले जाओ भाई फिर लगा लेंगे। यहां बात युद्ध की है और योद्या का काम है, युद्ध लड़ना। वह हारे-जीते या मरे-जीए ये अलग मामला है।
सवालः राज्यसभा से कांग्रेस क्यों भागती नजर आ रही है।
जवाबः मुझे क्या पता, इस बारे में तो कांग्रेस वालों से पूछो। हम तो कह रहे हैं कि हुड्डा-दुष्यंत और आजाद सभी विधायकों के पास फोन करो। हमारे मां-बाप, दादा-दादी, नाना-नानी फौज या पुलिस में तो ये अपराध है क्या ? एक आम घर का बच्चा है। किसी से कम नहीं है हम। मैं बाप-दादा के नाम की विरासत नहीं खा रहा। अपने दम पर किया है सब। बाप-दादा की विरासत से कुछ नहीं होता। हम अपने दम पर लड़ रहे हैं। मैं आज के युवाओ को भी सलाह देता हूं आम घर का बच्चा अगर ज्यादा आगे बढ़ेगा तो उसे कोई बढ़ने नहीं देगा। आपके बाप-दादा के पास अगर 100 करोड़ रुपए हैं तब सफेद कुर्ता-पायजामा पहनना। नेताओं के झंडे-डंडे उठाओगे तो बर्बाद हो जाओगे। पढ़ाई-लिखाई कर अपना घर बसाओ। अपनाम काम धंधा नौकरी करो। इन नेताओं के चक्कर में मत पड़ो। इस राजनीति में कुछ नहीं है। इसका उदाहरण मैं खुद हूं, जो आज पूरी तरह से बर्बाद है। हर पार्टी को चैलेंज है कि उनके नेता पार्टी छोड़कर लड़कर देख लें, पता चल जाएगा। 10 साल पहले लड़ा, अब भी 4 साल से अपने दम पर लड़ रहा हूं।