IAS बनने के लिए धैर्य की जरूरत, UPSC परीक्षा पास करने वाली चंद्रिमा ने बताया सफलता का राज

8/6/2020 1:23:53 AM

पानीपत (सचिन): कहते हैं इंसान के हौसले अगर बुलंद हो तो वह अपनी मंजिल हासिल कर लेता है। ऐसा ही एक उदाहरण पानीपत की फ्रेंड्स कॉलोनी की रहने वाली चंद्रिमा अत्री ने देकर दिखाया है। हाल ही में आए सिविल सेवा परीक्षा के परिणामों में चंद्रिमा अत्री ने 72वां रैंक हासिल कर अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है।

चंद्रिमा ने अपनी सफलता के बारे में बताती हैं कि उन्होंने दिल्ली में स्टडी करके और चौथे अटेम्ट में सफलता हासिल की है। उन्होंने बताया कि सिविल सेवा परीक्षा को पास करने के लिए सबसे ज्यादा अभ्यर्थी में धैर्य होने की जरूरत है, क्योंकि जब एक दो बार में टेस्ट क्लियर नहीं होता है तो अभ्यर्थी तैयारी छोड़ देते हैं और डिमोटिवेट हो जाते हैं।

चंद्रिमा ने बताया कि पोस्टिंग के बाद उनका उद्देश्य पैसा कमाना नहीं बल्कि हर वर्ग की बेसिक जरूरतों पर वह काम करना चाहेंगी क्योंकि आज भी भारत देश में कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्हें पानी बिजली जैसी बेसिक जरूरतें भी नहीं मिल पा रही हैं। उन्होंने  बताया कि बेसिक जरूरत के बाद वह एजुकेशन पर काम करना चाहेंगी फिर उन्होंने बताया कि वह एक औरत होने के नाते वूमेन एंपावरमेंट पर भी काम करना चाहेंगी।




चंद्रिमा के पिता पेेशे से व्यापारी राजेश अत्री ने बताया कि चंद्रिमा अत्री ने अपने दादा के सपने को पूरा करने का काम किया है। चंद्रिमा के दादा की दिली तमन्ना थी कि उनकी बेटी आईएएस बनकर उनका नाम रोशन करे। साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें उनकी बेटी पर बहुत गर्व है और बहुत खुशी महसूस हो रही है कि उन्होंने 72 वां रैंक हासिल किया। उन्होंने बताया कि चंद्रिमा के दादा हरियाणा सरकार में डीईटीसी पद पर तैनात थे।

चंद्रिमा की मां ने बताया कि आज उन्हें उनकी बेटी पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है और उनकी आंखों से खुशी के आंसू रुक नहीं रहे हैं। उन्होंने बताया कि चंद्रिमा का बचपन से सपना था कि वह एक आईएएस बनकर कुछ बड़ा काम करके दिखाएं वह बचपन से ही अपने दादा के सपने को जी रही थी। बता दें कि मूल रूप से चंद्रिमा अत्रि का परिवार करनाल के अरड़ाना गांव से रहने वाला है गांव में चंद्रिमा अत्रि की सिलेक्शन की खबर मिलते ही गांव में भी खुशी का माहौल बना हुआ है।

Shivam