करनाल में किसानों का धरना खत्म करवाने में नीरज दफ्तुआर की रही अहम भूमिका

9/11/2021 11:26:23 PM

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की टीम के विश्वास तथा भरोसेमंद मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल ओएसडी मीडिया नीरज दफ्तुआर को करनाल किसानों के आंदोलन में हल निकालने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री द्वारा सौंपी गई। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस मामले में अपना पूर्ण विश्वास नीरज दफ्तुआर पर व्यक्त किया। अतीत की भांति नीरज दफ्तुआर इस बार भी पूर्ण कसौटी पर खरे उतरे। करनाल के अंदर किसान जिस तरह से धरने को पक्का धरना में तब्दील करने में जुटे हुए थे तथा वहां पर लंगर ट्रैक्टर-ट्राली व किसानों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी, सारी परिस्थितियां देखते हुए नीरज ने अत्यंत संयम तथा कुशलता निभाते हुए सार्थक परिणाम दिए हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह से ही नीरज दफ्तुआर व एसीएस देवेन्द्र सिंह में लम्बा मंथन चला। नीरज दफ्तुआर यह मसला करनाल के प्रशाशन द्वारा हल न होने पर पिछली 3 मीटिंगों की चर्चाओं का मंथन लगातार हर स्तर पर कर रहे थे, उन्होंने सारी स्थितियों को भांपते हुए उचित मार्गदर्शन देवेन्द्र सिंह को दिया। पिछले दिनों मुज्जफरनगर के अंदर हुई किसान पंचायत के अंदर किसान नेताओं ने 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। किसान नेता करनाल बसताड़ा टोल प्लाजा पर हुए लाठीचार्ज को आधार बनाकर करनाल में पक्का धरना ना शुरू कर दें, इस पर प्रशासन व हरियाणा सरकार की पूरी निगाह थी। सरकार भी इस बात से सजग थी। करनाल जिला प्रशासन के बार-बार प्रयास असफल होते देख वार्ता के लिए चंडीगढ़ से एडिशनल चीफ सेक्रेटरी देवेंद्र सिंह की विशेष रूप से ड्यूटी लगाई गई।

जानकारी के अनुसार देवेंद्र सिंह ने करनाल जाने से पहले पूरा होमवर्क लगातार 5 घंटे से अधिक चली लंबी वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल ओएसडी नीरज दफ्तुआर के साथ बैठकर बरीकी से किया।शनिवार को करनाल में किसान नेताओं, प्रशासन तथा एसीएस देवेंद्र सिंह के मध्य अंतिम दौर की वार्ता हुई। इसकी पूरी स्क्रिप्ट शुक्रवार को मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल मीडिया ओएसडी नीरज दफ्तुआर के माध्यम से तय कर दी गई थी। सूत्रों के अनुसार प्राप्त जानकारी के आधार पर नीरज दफ्तुआर ने इस मामले में गठबंधन धर्म को भी निभाया तथा पूरे मामले में हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को भी हर पहलू पर पूर्णतया विश्वास में लिया। करनाल के अंदर किसानों के द्वारा चल रहे धरने पर विपक्ष की भी पूरी नजरें थी। कांग्रेस के दिग्गज नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला भूपेंद्र सिंह हुड्डा कुमारी शैलजा के इलावा इनेलो के सीनियर नेतागण इस धरने व प्रदर्शन को लेकर लगातार बयानबाजी कर रहे थे। सरकार का ध्यान विपक्ष की गतिविधियों व बयान बाजी पर विराम का था, वहीं किसानों का आंदोलन करनाल में और लंबा ना चले इस पर विशेष फोकस सरकार का रहा। सरकार का प्रमुख प्रयास यह रहा कि वार्ताओं का दौर न टूटे तथा लगातार वार्ताएं चलती रहें, जिसमें करनाल प्रशासन एसपी व डीसी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भले ही उनके स्तर पर किसानों से समझौता सिरे नहीं चल पा रहा था, मगर चंडीगढ़ में हरियाणा सरकार इस बात के लिए सजग थी कि इस मसले को जल्दी से जल्दी निपटाया जाए। मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल ओएसडी नीरज दफ्तुआर द्वारा इस मामले में दिन-रात एक किया गया और हर एंगल से प्रशासन से मिले इनपुट पर जहां पल-पल की जानकारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल को दी गई, वहीं सत्ता में साझेदार जेजेपी के दिग्गज नेता व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को पूर्णतया विश्वास में लिया गया।

सरकार द्वारा लाठीचार्ज प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के सेवानिवृत जज के द्वारा करवाई जाएगी। इस दौरान तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे। समझौते के तहत मृतक किसान के परिवार के दो सदस्यों को स्वीकृत पद पर डीसी रेट अनुसार नौकरी दी जाएगी। इन सब पैरों पर शुक्रवार देर रात तक मुख्यमंत्री निवास पर विचार-विमर्श हो चुका था।

हरियाणा सरकार की तरफ से करनाल पहुंचे एडिशनल चीफ सेक्रेटरी देवेंद्र सिंह ने बखूबी अपने दायित्व को निभाया तथा ग्राउंड जीरो पर जाकर किसान नेताओं से सार्थक वार्तालाप किया। वार्ता सिरे चढ़ते ही फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों व उनकी बातचीत के अनेक दौर हुए और सरकार ने किसानों की मांग मानी है। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज प्रकरण की जांच और मृतक किसान के परिजनों को नौकरी देने की मांग मानी गई है। इस बारे सभी संगठनों से बातचीत की गई और सभी ने अपनी सहमति जताई और उन्होंने लघु सचिवालय के सामने चल रहे धरने को समाप्त करने की घोषणा की है। धरने पर बैठे सभी लोगों ने निर्णय का स्वागत किया।

Content Writer

Shivam