सरस्वती नदी के तट पर नेता जी सुभाष चन्द्र बोस ने की थी तपस्या, साधु के भेष में छुपकर लंबे समय तक मंदिर में रहे नेता जी

3/1/2024 2:02:22 PM

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी): कैथल जिला के सौथा गांव जहां स्वयं सुभाष चंद्र बोस जी लंबे समय तक साधु के भेष में छुप कर रहे व देश के लिए अपने अंतिम समय में तपस्या की , ऐसा यहां गांव के लोगों का और इस मंदिर में रहने वाली देवी साध्वी जी का कहना है कि नेता जी यहाँ लंबे समय तक रहे। जिस तरह से नेता जिनका अंतिम समय रहस्य पूर्ण रहा है उसको देखते हुए इस स्थान का महत्व बढ़ जाता है। 

इस सथान पर सभी इस तथ्य को मानते भी है। 

गाँव वशियों ने धूमन सिंह किरमच डिप्टी चेयरमैन को सरस्वती नदी के किनारे स्थित इस मंदिर व घाट जीर्णोद्धार का कार्य करने की माँग की। 

इस पवित्र स्थान पर बचपन से ही एक साध्वी आश्रम में रहती है उनका व गांवों के सरपंच पालाराम व गाँव वासियों का कहना है कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस कम से कम छह सात साल यहाँ पर इस आश्रम में भेष बदलकर सरस्वती के किनारे रुके थे और उन्होंने यहाँ पर अपना काफ़ी लंबा समय बिताया और तपस्या की।  धूमन सिंह किरमच ने बताया कि जिस तरह से सभी ग्रंथों में भी बड़े बड़े ऋषि मुनियों ने सरस्वती नदी के किनारे तपस्या कि जिनमें वेद व्यास जी ने आदिबद्री व बिलासपुर शृंगी ऋषि ने संघोर गांवों में गालव ऋषि ने गूलडेहरा गाँव में विश्वामित्र जी ने पेहवा में उसी तरह से नेता जी ने भी सरस्वती के तट पर तपस्या की।

धूमन सिंह ने बताया यहाँ पर सरस्वती के किनारे बहुत सुंदर घाट बनाना सरस्वती बोर्ड की योजना है कि जिस तरह से सरस्वती के प्रति लोगों में श्रद्धा है उसको ध्यान में रखते हुए गाँव की पंचायत ने एक प्रस्ताव भी धूमन सिंह को सौंपा ताकि यहाँ पर बहुत सुंदर घाट का निर्माण किया जा सके। गाँव वालो ने बताया यहाँ पर दूर दूर से श्रद्धालु आकर कार्तिक पूर्णिमा को स्नान भी करते हैं उन्होंने कहा कि सरस्वती के किनारे जितने भी पवित्र स्थल लगते हैं उसमें सौथा गाँव भी आता है। गाँव में सालों से सरस्वती का जल आता है जब बोर्ड के अधिकारि वहाँ पर पहुँचे तो लोगो में उत्साह नज़र आया   

ऐसे पवित्र स्थल पर जहाँ नेताजी सुभाष चंद्र बोस सरस्वती के तट पर रुके हों व देश की एकता अखंडता के लिया सरस्वती की तपस्या की हो वहाँ पर घाट बनाने का कार्य  को जल्द संपन्न कर लिया जाएगा। डिप्टी चेयरमैन ने तुरंत अधिकारियो को घाट के निर्माण के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दिशा निर्देश उसी वक़्त दिए दिए। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर, मंडल अध्यक्ष ठाटी शॉर्मा, सैली मुँझल, गाँव के सरपंच पालाराम व साहब सिंह सौथा आदि थे।

 

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Manisha rana