गांव-गांव में नहीं होगा नेताजी का दीदार

3/18/2019 9:47:34 AM

सिरसा: सिरसा 9 हलके, 16.38 लाख मतदाता, 630 से अधिक गांव, 1911 बूथ और 200 किलोमीटर की लम्बी दूर तक फैला हुआ संसदीय क्षेत्र है। राजस्थान से सटे डबवाली विस हलके के गांव चौटाला से लेकर नरवाना के अंतिम गांव बारट तक पहुंचना उम्मीदवारों के लिए संभव नहीं होगा। कम अवधि वाले इस चुनाव में जाहिर तौर पर उम्मीदवारों की चुनिंदा और बड़े गांवों में ही पहुंच संभव हो सकेगी।सियासी पंडितों का मानना है कि गहन मंथन के बाद ही सभी दल नामांकन से 1 या 2 दिन पहले ही उम्मीदवार घोषित करेंगे। ऐसे में उम्मीदवारों के पास प्रचार के लिए 20 दिन का ही वक्त रहेगा। 20 दिनों में मीलों तक फैले सैंकड़ों गांवों वाले संसदीय क्षेत्र में पगफेरा करना आसान नहीं होगा।

सिरसा संसदीय क्षेत्र भौगोलिक लिहाज से 200 किलोमीटर के दायरे में फैला है। एक तरफ ऐलनाबाद का गांव कर्मशाना राजस्थान से सटा है तो दूसरी ओर डबवाली हलके का गांव चौटाला। रानियां में बणी गांव भी राजस्थान कैनाल के पास पड़ता है तो 2 जिलों की हदें पार करने के बाद आता है नरवाना हलका। 9 हलकों में करीब 633 गांव हैं और 1911 मतदान केंद्र हैं। कुल मिलाकर देखें तो प्रत्येक उम्मीदवारों के पास प्रचार के लिए लगभग 20 दिन का ही वक्त होगा। ऐसे में यह चुनाव थका देने वाला होगा।

सभी गांवों में उम्मीदवारों की पहुंच संभव नहीं होगी। रणनीति ऐसी बनानी होगी कि अगल-बगल के गांवों पर केंद्रित किसी बड़े गांव में जनसभा हो। व्यावहारिकता के नजरिए से देखें तो कोई भी उम्मीदवार सभी गांव कवर नहीं कर सकेगा। 20 दिनों के लिहाज से उम्मीदवार अगर हर रोज 30 गांवों में भी पहुंचा तो भी तमाम 633 गांव कवर नहीं होंगे। सियासी पर्यवेक्षकों का कहना है कि आमतौर पर राज्य में सियासत एक अनूठा सा मिजाज है।

यहां चुनाव किसी मेले से कम नहीं होते। गली-गली, गांव-गांव में नेताओं का दीदार पब्लिक को होता है और यहां की पब्लिक भी चटोरे लेकर सियासी बातों को सुनती है और चर्चा करती है। पर इस बार चुनाव प्रचार की अवधि कम है। संसदीय क्षेत्रों का आकार काफी बड़ा है। मतदाताओं की संख्या में इजाफा हुआ है। मसलन सिरसा संसदीय क्षेत्र में ही 2009 की तुलना में 3.34 लाख मतदाता जुड़े हैं। खैर कुछ भी हो यह निश्चित है कि 200 किलोमीटर के दायरे में फैले सिरसा संसदीय क्षेत्र में आने वाले गर्म दिनों में उम्मीदवारों के लिए प्रचार काफी थका देने वाला रहेगा।

Deepak Paul