अंग्रेजी की बजाए मातृभाषा में उपलब्ध होगी पढ़ाई, देश की सोच को बदलने वाली होगी नई शिक्षा नीति :गुर्जर

2/6/2023 10:01:33 PM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : देश के महान वैज्ञानिक कस्तूरी रंग राजन की देखरेख में एक बड़ी टीम द्वारा देश के अलग-अलग हिस्सों की जनता, चुने हुए अनगिनत प्रतिनिधियों, शिक्षा विशेषज्ञ, अध्यापकों इत्यादि से विस्तार में चर्चा और सर्वे के बाद तैयार की गई देश की नई शिक्षा नीति देश की सोच बदलने वाली साबित होने वाली है। ऐसा दावा करते हुए प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि दुनिया के जिस जिस देश ने विदेशी भाषा पर जोर दिया, इतिहास गवाह है कि वह पीछे रहा है और अपनी भाषा में पढ़ाई करने वाले देश आगे निकला है। हमारे देश में बहुत से काबिल बच्चे अंग्रेजी के कारण पीछे रहे, मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने से बच्चा गहराई से बात को समझ पाएगा, क्योंकि मातृभाषा जैसी समझ बच्चे को दूसरी भाषा में नहीं आ सकती। इसलिए यह एक महत्वपूर्ण प्रयास नई शिक्षा नीति में किया गया है।

 

नई शिक्षा नीति से बच्चा नौकरी देने में बनेगा सक्षम :गुर्जर

कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि वैज्ञानिकों की सोच मुताबिक 3 साल के बच्चे का दिमाग पूरी तरह से विकसित होता है। इसलिए 3 साल के बच्चे को एडमिशन देने की शुरुआत होगी और पहली कक्षा में 6 साल का बच्चा ही जा पाएगा। लार्ड मैकाले की शिक्षा नीति का मतलब केवल नौकरी पाना था, लेकिन सरकार हर बच्चे को नौकरी कभी ना तो दे पाई है ना दे पा सकती है। नई शिक्षा नीति में वोकेशनल एजुकेशन बच्चे को आत्मविश्वास से लबरेज करेगी। वह नौकरी लेने की बजाए नौकरी देने को लेकर सक्षम बनेगा। खुद के साथ जब देश का युवा दूसरों को रोजगार देगा तो देश तरक्की की ओर अग्रसर होगा। छठी कक्षा से वोकेशनल एजुकेशन दिए जाने की शुरुआत हम 40 से अधिक स्कूलों में कर भी चुके हैं।

 

हमारे महापुरुष हमारे आदर्श हैं, न कि दूसरे देशों से आए आक्रमणकारी :गुर्जर

गुर्जर ने कहा कि पढ़ाए गए इतिहास के मुताबिक हम 1000 साल तक गुलाम रहे, जबकि असलियत में हम 1 दिन भी गुलाम नहीं रहे। अगर देश का एक हिस्सा गुलाम था तो दूसरा हिस्सा आजाद था। हमारे महापुरुष उनसे लड़ाई लड़ते रहे। हमारे महापुरुष जिन्होंने समाज को सुधारा, जिन्होंने देश की लड़ाई लड़ी, वह हमारे आदर्श हैं और हमें दूसरे देशों से आए आक्रमणकारियों का इतिहास बहादुरी से भरा पढ़ाया गया। समाज के लिए मार्गदर्शन करने वाले हमारे महापुरुष संत रविदास- गुरु नानक देव- स्वामी दयानंद के दिखाए रास्तों पर चलना है। हमे पुराने इतिहास से केवल अपनी गलतियों से सबक सीखने की जरूरत है। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने कहा था कि इतिहास से सबक नहीं लेने वाले अपने भूगोल को एक नहीं रख सकते।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan