नए मंत्रियों को पुरानी साज सजावट और फर्नीचर नहीं आ रहा रास, CM को पत्र लिख की विशेष बजट की मांग

4/17/2024 2:11:41 PM

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी):  वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 तक का है, इसलिए अक्टूबर माह में ही चुनाव होने की सबसे अधिक संभावनाएं हैं।नए बने मंत्रियों के दफ्तरों पर ताले लटके नजर आ रहे हैं।आचार सहिंता व चुनावों में व्यस्तता के चलते नेता जी फील्ड में है।

हरियाणा सचिवालय में जबरदस्त सन्नाटा

 हाल ही में हुए राजनीतिक बदलावों के चलते नायब सिंह मुख्यमंत्री बने और उनके मंत्रिमंडल में 6 पुराने जो मनोहर पार्ट 2 में भी मंत्री थे तथा 7 नए चेहरे शामिल किए गए थे। आगामी विधानसभा चुनावों के बाद सरकार किस पार्टी की बनेगी, मुख्यमंत्री कौन बनेगा और वह मुख्यमंत्री किसे-किसे अपने मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाएगा यह भविष्य के गर्भ में है। लेकिन हाल ही में अगर कहें तो यह सरकार मात्र सात माह की ही है

लेकिन फिर भी नए मंत्रियों को पुरानी कुर्सियां, फर्नीचर व कार्यालय की साज सजावट कंफर्टेबल नहीं लग रही। चर्चा है कि इसके लिए इनमें से कुछ मंत्रियों ने फर्नीचर बदलने के लिए मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है जिसमें विशेष बजट की मांग की गई है। जबकि पुराने सभी मंत्री अपने कार्यालय, उनमें रखे फर्नीचर, सुख सुविधा के प्रबंधों तथा साज सजावट से से संतुष्ट हैं। चर्चा तो यह भी है कि इस मंत्रिमंडल में एक पुराने सीनियर मंत्री की खुद की कुर्सी की हालत काफी खराब है, जिसे ऊपर नीचे करने तक में भी किसी दूसरे की मदद लेनी पड़ती है। लेकिन वह मंत्री प्रदेश के राजस्व पर बोझ ना पड़े इसलिए कुर्सी नहीं बदलवाना चाहते और अपनी कुर्सी को खूब चलने लायक और अच्छी बता रहे हैं।


नियुक्तियों को लेकर सचिवालय के कर्मचारी लगे हैं जुगाड़ में 

लगभग चार सप्ताह बीत जाने के बाद सोमवार को सचिवालय में सभी मंत्रियों के कार्यालयों के बाहर प्लेट लगा दी गई, जिस पर मंत्री का नाम और विभागों बारे जानकारी अंकित है। यह कार्यालय तो मंत्रियों को पहले ही अलाट करके सौंप दिए गए थे, लेकिन तख्तियां सोमवार को लगाई गई। अब फिलहाल सचिवालय में मंत्रियों के निजी सहायक, निजी सचिव, कंप्यूटर ऑपरेटर, सेवादारों व अन्य कर्मचारी की नियुक्तियां बकाया है, जिसके लिए सीएम कार्यालय पूरी मेहनत करने में लगा है। सभी मंत्रियों से अपनी सहूलियत और चाहत अनुसार कर्मचारियों की लिस्ट भी मांगी गई है। हालांकि अस्थाई तौर पर सभी मंत्रियों को कर्मचारी मुहैया करवा दिए गए थे, लेकिन औपचारिक रूप से पत्र जारी नहीं किए गए थे। वहीं दूसरी तरफ कर्मचारी भी अपने-अपने जुगाड़ में लगे हुए हैं। अपने रसूख - संबंधों और उत्तम कार्यशेली के दम पर कर्मचारी जद्दोजहद में लगे हुए हैं और मंत्रियों से नोट बनवा बनवाकर कार्मिक विभाग के पास भेज रहे हैं। चर्चाएं तो यह भी है कि सीएम हाउस में बैठे चीफ ऑफिसरस से खुद कई मंत्रियों ने कर्मचारियों की नियुक्तियों समेत अन्य मिलने वाली सहूलियतों बारे भी बात की है।

 

Content Writer

Isha