नया मोटर व्हीकल एक्ट बन सकता है रोडवेज कर्मचारियों के लिए परेशानी का कारण !

9/21/2019 3:48:43 PM

कुरुक्षेत्र (खुंगर): नए वाहन अधिनियम के नियमों पर हरियाणा रोडवेज की बसें सवालों के दायरे में हैं कि क्या सभी बसें नए मोटर व्हीकल एक्ट के पैमाने पर खरी उतरती हैं। यह रोडवेज की बसों की स्थिति को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है। ट्रैफिक नियमों के जानकारों का कहना है कि अगर हरियाणा की यातायात पुलिस नियमित रूप से रोडवेज की बसों की जांच करें तो बहुत सी बसों का समय-समय पर चालान होगा। रोडवेज वर्कशाप के अधिकारियों से जानकारी ली गई तो कुरुक्षेत्र डिपो की 167 बसें हैं, इनमें 111 बसें कुरुक्षेत्र के मुख्य बस अड्डे डिपो की हैं। शेष पिहोवा सब डिपो की हैं। बताया जाता है कि काफी बसों में सीट बैल्ट ही नहीं है तो ज्यादातर बसों में प्रैशर हॉर्न लगा है। 

अधिकारियों का कहना है कि सरकार के निर्देशों के बाद सभी वाहन चालकों को बैल्ट लगाने एवं प्रैशर हॉर्न प्रयोग न करने के निर्देश दिए गए हैं। अगर बस में सीट बैल्ट लगी होने के बावजूद चालक ने सीट बैल्ट नहीं लगाई और यातायात पुलिस द्वारा उसका चालान काटा गया तो यह चालान स्वयं चालक को भुगतना होगा। अगर बस में सीट बैल्ट ही नहीं लगी है और चालक का चालान किया जाता है तो इसका भुगतान वर्कशाप मैनेजर को करना होगा। वाहन अधिनियम में संशोधन के बाद भारी-भरकम जुर्माना राशि का प्रावधान हुआ है तो अब देखने में आया है कि रोडवेज अधिकारियों ने स्वयं बसों की चैकिंग शुरू कर दी है। इसमें सामने आया कि अधिकतर नई बसों में तो सीट बैल्ट लगी है लेकिन अभी पुरानी बसों में तो सीट बैल्ट लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा प्रैशर हॉर्न भी कई बसों में लगे मिलते हैं। 

यह है जुर्माने का प्रावधान
अधिकारियों के अनुसार नए वाहन अधिनियम के अनुसार अगर रोडवेज बस चालक ने सीट बैल्ट नहीं लगाई तो उसे 1000 से 2000 रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। अगर चालक बस चलाते समय मोबाइल पर बात करता है तो यातायात पुलिस द्वारा 5 हजार का चालान किया जा सकता है, जो चालक को अपनी जेब से भुगतना होगा। इसके अलावा रफ ड्राइविंग पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा 5 हजार रुपए का चालान किया जा सकता है तो ओवर स्पीड पर 1000 से 2000 रुपए तक का चालान होगा। उल्लेखनीय है कि रोडवेज बसों में प्रैशर हॉर्न, गलत साइड से बस को ले जाना, ओवर स्पीड तथा रफ ड्राइविंग की शिकायतें अक्सर आती रहती हैं। यातायात के नए नियमों से इस तरह की शिकायतों पर ब्रेक लगने की पूरी संभावना है।

चालकों का तर्क
रोडवेज बसों में सीट बैल्ट नहीं लगाने को लेकर चालकों से बात की गई तो कुछ रोडवेज चालकों ने अपना नाम न प्रकाशित करने की बात पर बताया कि रोडवेज बसों में चालक सीट की सुरक्षा के लिए कुछ भी इंतजाम नहीं हैं। केवल एक चादर ही होती है, जिसमें अगर सामने से कोई वाहन हलके से भी टकराता है तो चालक की जान का बड़ा रिस्क रहता है। अगर वह सीट बैल्ट लगाते हैं तो इसमें वह संभल नहीं पाएंगे। दूसरे वाहनों में आगे इंजन होता है जिससे सामने से वाहन टकराने पर चालक की जान बच जाती है। चालकों ने यह भी कहा कि प्रैशर हॉर्न से ही बस को रास्ता मिल पाता है। साधारण हॉर्न से कोई सुनता ही नहीं और बस अपने गंतव्य तक पहुंचने में लेट हो जाती है।

Isha