इंद्री से नवनिर्वाचित रामकुमार कश्यप को विधायक की शपथ लेना पड़ सकता है भारी!

11/11/2019 11:36:18 PM

चंडीगढ़ (धरणी): इंद्री से भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक राम कुमार कश्यप क्या आने वाले समय मे जन प्रतिनिधि नियम, दलबदल कानून या बीच ऑफ ट्रस्ट व हेराफेरी से लाभ का पद अर्जित करने के मामले में विवादों में आ सकते हैं? यह प्रश्न इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि राम कुमार कश्यप इनेलो से राज्यसभा सांसद बने। लगभग 1 साल उनका कार्यकाल बचा हुआ था। पिछले दिनों उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में चुनावों से पहले शामिल हो गए थे।

अब भाजपा की टिकट पर इंद्री से चुनाव लड़ा। विधायक बनने के बाद ही उन्होंने अपना इस्तीफा दिया था, जो 5 नवंबर को मंजूर किया गया। चर्चा है कि रामकुमार कश्यप ने बतौर इनेलो राज्यसभा संसद भी सविंधान की कसम खाई थी। अब 4 नवम्बर को हरियाणा विधानसभा में बतौर भाजपा विधायक शपथ ली व उसके बाद राज्यसभा से इस्तीफा भेजा।



कानूनी पहलू आने वाले दिनों ने कश्यप के लिए सिरदर्द पैदा कर सकते हैं। इंद्री से भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक राम कुमार कश्यप पर एंटी डिफ़ेक्शन क़ानून लागू होता है या नहीं ये फि़लहाल राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

Shivam