Loksabha Election 2019: सियासत की नर्सरी है ‘चौटाला’ गांव

4/10/2019 1:06:08 PM

सिरसा (स.ह.): राजस्थान की सीमा से सटे हरियाणा के एक छोर पर बसे गांव चौटाला की राजनीतिक दास्तां हैरान करने वाली है। हैरानी इसलिए है कि बरानी माटी में टिब्बों से उड़ती रेत में यहां राजनीतिक रौब का अहसास होता है। गांव के मुहाने से ही यह एहसास होने लगता है कि यह गांव क्यों खास है? यह एक ऐसा गांव है, जिसने देश को एक नहीं, दो नहीं दर्जनों कद्दावर नेता दिए। हैरान यह भी करता है कि 1938 के बाद ऐसा कोई चुनाव नहीं जब यहां से कोई जीतकर विधायक न बना हो। हरियाणा के अंतिम छोर पर राजस्थान की सीमा से सटा यह देश का संभवत: इकलौता गांव होगा, जिसने देश को एक उपप्रधानमंत्री, 4 सांसद, 13 विधायक, 10 स्वतंत्रता सेनानी दिए। राजनीति की यह रंगत इतनी गहरी, आखिर कैसे? टिब्बों से उड़ती रेत में राजनीति के सुमन सुवासित हुए और राजनीतिक बागीचे में चौटाला की बगिया खास बन गई। इसी गांव के देवीलाल देश के उपप्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। दो मुख्यमंत्री भी इस गांव ने प्रदेश को दिए।

1938 से लगातार इस गांव से चुना जाता है विधायक
देश आजाद होने से पहले 1938 के चुनाव हुए और देवीलाल उस समय सिरसा-फतेहाबाद सीट से प्रबल दावेदार थे। कम उम्र के चलते वह इस चुनावी मैदान में नहीं उतर सके। ऐसे में उनके बड़े भाई साहब राम सिहाग संयुक्त पंजाब के समय सन् 1938 में सबसे पहले सिरसा व फतेहाबाद के संयुक्त क्षेत्र से विधायक बनें। वह लम्बे समय तक विधायक रहे। देश आजाद हुआ और 1952 में पहले आम चुनाव हुए। इस चुनाव में देवीलाल सिरसा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। इसके बाद 1958 में डबवाली,  1962 में फतेहाबाद, 1975 में रोड़ी, 1977 में भट्टू कलां और फिर 1982 व 1987 में महम विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। वह वर्ष 1989 में  वी.पी. सिंह व चंद्रशेखर की सरकार में उपप्रधानमंत्री पद पर भी विराजमान हुए और 6 अप्रैल, 2001 को जब इस दुनिया से अलविदा ली, तब भी वे राज्यसभा सदस्य थे।

ओमप्रकाश चौटाला से पहले प्रताप बने थे विधायक
राज्य गठन के बाद 1967 में राज्य में पहला चुनाव हुआ। साहब राम व देवीलाल के बाद देवीलाल के पुत्र प्रताप चौटाला 1967 में हुए प्रदेश के पहले विस चुनाव में ऐलनाबाद से विधायक बने। राज्य की पहली सरकार अधिक नहीं चली और 1968 में फिर चुनाव हुए। ओमप्रकाश चौटाला ने 1970 में अपनी राजनीतिक पारी शुरू की। वह ऐलनाबाद से विधायक बने। चौटाला 1970, 1990, 1993,1996, 2000, 2009 में विधायक बने। इसी गांव के बृजलाल गोदारा 1971-72 में ऐलनाबाद से विधायक  बनें। 1977 में बरवाला हलके से जयनारायण वर्मा विधायक चुने गए गए। एक और कद्दावर नेता  थे स्व. मनीराम जो इसी गांव में पैदा हुए। वह 1977, 1987, 1996 व 97 में विधायक बने। हरियाणा योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रणजीत सिंह 1987 में रोड़ी से विधायक बने। गांव चौटाला के ही मनीराम के पुत्र डा. सीताराम दो दफा डबवाली से विधायक बनें। निवर्तमान में इसी गांव के दुष्यंत चौटाला हिसार से सांसद हैं तो उनकी मां नैना चौटाला डबवाली से विधायक हैं।

Shivam