LS Election- नारायणगढ़ बना नेताओं का निर्यातक, कुरुक्षेत्र आयातक

4/8/2019 12:00:25 PM

अम्बाला/नारायणगढ़ (रीटा/सुशील): भाजपा द्वारा जारी की गई उम्मीदवारों की सूची में प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री व नारायणगढ़ हलके से मौजूदा भाजपा विधायक नायब सैनी को कुरुक्षेत्र से टिकट मिलना प्रदेश के मुख्यमंत्री की पार्टी हाईकमान में मजबूत पकड़ को दर्शा गया है। नायब सैनी को खट्टर के खास सिपहसालारों में से एक माना जाता है। वह जिस तरह पिछले कुछ दिनों से कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में पार्टी के प्रचार-प्रसार में जुटे थे उससे पहले से ही ऐसे कयास लग रहे थे कि टिकट घोषणा में बेशक देरी हो रही हो लेकिन अंदरखाते उन्हें हरी झंडी मिल चुकी है।

उल्लेखनीय है कि नायब सैनी ने वर्ष 2009 में भी नारायणगढ़ से विधानसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन उस समय उन्हें न केवल शिकस्त झेलनी पड़ी थी अपितु वोटों की गिनती में 5 अंकों का आंकड़ा भी छू नहीं पाए थे लेकिन 2014 में मोदी लहर के चलते वह विधायक तो बने ही साथ ही उनकी जीत भी नारायणगढ़ के इतिहास की सबसे बड़ी जीत साबित हुई थी व खट्टर के साथ नजदीकियों के चलते उन्हें मंत्री पद से भी नवाजा गया।

राज्यमंत्री नायब सैनी को कुरुक्षेत्र से टिकट मिलने से एक रोचक बात उभरकर सामने आई है कि लगातार दूसरे प्लान में भी कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र से भाजपा को नारायणगढ़ से ही सांसद पद का उम्मीदवार आयात करना पड़ा। इससे पहले 2014 में कुरुक्षेत्र से सांसद बने व बाद में जाट आरक्षण को लेकर पार्टी से किनारा करने वाले निवर्तमान भाजपा सांसद राजकुमार सैनी भी नारायणगढ़ के ही मूल निवासी हैं, ऐसे में चर्चाओं का यह दौर चल पड़ा है कि नारायणगढ़ बेशक अभी तक विकास की बुलंदियां न छू पाया हो लेकिन राजनीति में खूब सक्रिय है व नेता निर्यात करने में ट्रैक रिकार्ड अच्छा है।

जाट-नॉन जाट की राजनीति में कठिन होगी डगर
नायब सैनी को भाजपा ने भले ही टिकट दे दी है लेकिन चुनावी डगर इतनी आसान भी नहीं है। अगर 2014 के नतीजों पर गौर करें तो उस समय प्रचंड मोदी लहर के बावजूद भी भाजपा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 6 विधानसभा क्षेत्रों शाहाबाद, थानेसर, लाडवा, रादौर, कैथल व पूंडरी में ही जीत दर्ज कर पाई थी जबकि कलायत, पिहोवा व गुहला चीका में पार्टी पिछड़ी थी। स्वयं  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अप्रैल, 2014 को कुरुक्षेत्र में जनसभा कर वोट मांगे थे।

2014 में भाजपा के राजकुमार सैनी ने 1 लाख 28 हजार मतोंं के अंतर से इनैलो प्रत्याशी बलबीर सिंह सैनी व कांग्रेस के नवीन जिंदल को पटखनी दी थी लेकिन इस समय हरियाणा की राजनीति में जाट-नॉन जाट का मुद्दा एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। ऐसे में भाजपा को यह सीट जीतने के लिए कठिन दौर से गुजरना होगा। हालांकि यह नामुमकिन भी नहीं है लेकिन एक बार फिर प्रदेश सरकार की उपलब्धियों की बजाय मोदी मैजिक के सहारे ही नैया पार हो सकती है।

नायब सैनी के दोनों हाथों में लड्डू
नायब सैनी जिन्हें भाजपा की टिकट मिली है, वर्तमान में नारायणगढ़ से विधायक हैं व सरकार में मंत्री भी, यदि भाग्य ने उनका साथ दिया और वह सांसद बन गए तो उनका नाम प्रदेश के बड़े लीडरों में शुमार हो जाएगा और यदि बदकिस्मती से दाव उलटा पड़ गया तो विधायक तो वह हैं ही।

Shivam