NGT ने पानीपत रिफाईनरी पर लगाया 17 करोड़ का जुर्माना, सरपंच की मेहनत लाई रंग

5/14/2019 7:33:22 PM

पानीपत (अनिल कुमार): पानीपत के गांव सुताना के सरपंच सतपाल सिंह की जागरूकता के कारण गांव ददलाना व बोहली गांव के आसपास से लगे गांवों को बड़ी राहत मिली है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पानीपत रिफाईनरी पर पर 17 करोड़ 31 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना एक माह के अंदर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को जमा कराना होगा।

दरअसल, गांव वालों ने बार-बार पानीपत रिफाईनरी से निकलने वाले प्रदूषित पानी को लेकर कई बार शिकायत की थी। उनका कहना था कि प्रदूषित पानी से लोगों के स्वास्थ्य के साथ-साथ ग्रीन बेल्ट में सैकड़ों पेड़ पौधे समाप्त हो गए हैं। दूषित पानी के कारण आसपास गांव के लोगों में बीमारियां फैल रही हैं। इसकी शिकायत 2018 में सिंघपुरा सुताना गांव के सरपंच ने एनजीटी से की थी।



जिसके बाद एनजीटी के निर्देश पर नियुक्त की गई टीम ने अपने सर्वे में यह शिकायत सही पाई। 15 जनवरी 2019 को टीम ने एनजीटी में अपनी रिपोर्ट जमा कराई, जिसमें खामियां पाई गई। 1 मार्च 2019 को एनजीटी ने रिपोर्ट पर संज्ञान लिया और एचएमपीसीबी को आदेश दिया कि पर्यावरण को हुए नुकसान का आकलन करें। एचएमपीसीबी ने अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए 9 मई 2019 को खामियां उजागर की। यही कारण है कि पानीपत रिफाईनरी को एक बहुत बड़ा जुर्माना लगा। अब इस मामले में अगली सुनवाई 20 अगस्त को होनी है।

वहीं सरपंच सतपाल का कहना हैं कि रिफानरी से निकलने वाले सल्फर से लोगों में बीमारियां फैल रही हैं। इस वजह से गांव में 60 प्रतिशत लोग स्किन, दमा, आंखों व पोलियो से पीड़ित हैं। रिफानरी के आस पास के गांव बिहोली, सिंघपुरा सुताना, ददलाना के लोगों का कहना कि हमारी जमीन एक्वायर कर हमे यहां से शिफ्ट कर दिया जाए।

Shivam