गोहाना में हो रही एनजीटी के आदेशों की अवहेलना, किसान फसल अवशेष जलाने से नहीं आ रहे बाज

11/10/2020 9:52:24 AM

गोहाना (सुनील जिंदल) : प्रदेश की सरकार पराली जलाने को लेकर काफी सख्त हो गई है। जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा पराली न जलाने के आदेश दिए गए हैं। इसके बावजूद गोहाना में किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं और सरकार के नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। गोहाना में फसल अवशेष जलाने के 89 मामले सामने आ चुके हैं लेकिन अभी तक कृषि विभाग द्वारा 18 किसानों पर ढाई हजार रुपए के हिसाब से करीबन 45000 का जुर्माना लगाया गया है। पिछले साल की तुलना में यह आंकड़ा लगातार बढ़ोतरी करते हुए नजर आ रहा है। वहीं कई दिनों से गोहाना में दिन भर प्रदूषण के कारण मौसम साफ नहीं हो पा रहा है। लोगों को सांस लेने के साथ-साथ अन्य कई बीमारियों में भी काफी तकलीफ महसूस हो रही है  

धान की पराली और दीवाली के दौरान बम्ब पटाखे जलाने से हुए प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में दिक्कत के साथ साथ आंखों में जलन हो रही है। प्रदूषण बढ़ने से कोविड19 के मरीजों की संख्या बढ़ने का भी अंदेशा है। लोगों से अपील है कि धान की पराली और बम पटाखे न जलाए। क्योंकि पहले ही देश कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है। 

कृषि विभाग के अधिकारी राजेंद्र मेहरा ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि विभाग द्वारा विशेष जागरूकता टीम भी लगाई गई है जो किसानों को ट्राली प्रबंधन को लेकर जानकारी उपलब्ध कराती है और पराली जलाने के नुक्सान से अवगत कराती है। इतना ही नहीं किसानों को फसल अवशेष का सही प्रयोग कर खाद के रूप में प्रयोग करना  सिखा रही है।

वही कृषि विभाग द्वारा ग्रामीण स्तर पर किसान जागरूकता के लिए गांव के सरपंच नंबरदार और मौजिज व्यक्तियों की एक टीम बनाई गई है जो खेतों में जलने वाले अवशेष पर भी नियंत्रण रखती है और पराली जलाने वाले किसानों की सूचना कृषि अधिकारियों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी लगाई गई है। सेटेलाइट की मदद से कृषि विभाग गोहाना ने 18 किसानों को अवैध रूप से पराली जलाने के एवज में ढाई हजार रुपए प्रत्येक किसान के रूप में वसूल की है। कृषि विभाग की गाइडलाइंस के मुताबिक 2 एकड़ की फसल अवशेष जलाने पर ढाई हजार और 2 से 5 एकड़ पर पांच हजार रु जुर्माना होगा, सबसे ज्यादा जुर्माना 15 हजार रखा गया है।

Manisha rana