गंदगी को लेकर हरियाणा को लगी एन.जी.टी. से लताड़

2/10/2020 10:17:43 AM

चंडीगढ़(बंसल): स्वच्छता को लेकर हरियाणा सरकार चाहे कितने भी ढोल क्यों न पीट रही हो लेकिन गंदगी मामले में हरियाणा को नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से लताड़ पड़ी है,क्योंकि प्रदेश में हाईवे तथा रेलवे ट्रैकों के किनारे जगह-जगह गंदगी के दिखाई देने वाले ढेर शायद ही किसी से छुपे हों। प्रदेश के मुख्य मार्गों का जब यह हाल है तो अंदर की स्थिति क्या इससे बेहतर हो सकती है। एन.जी.टी. ने प्रदेश सरकार को प्रदेश के हाईवे व रेलवे ट्रैकों से 31 मार्च तक कूड़े के ढेर हटाने का समय दिया है नहीं तो संबंधित अधिकारियों की ट्रिब्यूनल के समक्ष जवाबदेही होगी। 

ए.सी.आर. में प्रतिकूल टिप्पणियां दर्ज की जाएंगी
कूड़े के ढेर नहीं हटने पर स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों को कार्रवाई की तलवार लटक गई है,क्योंकि एन.जी.टी. ने स्पष्ट कह दिया है कि कूड़ा नहीं हटने पर विभाग के कार्यकारी अधिकारी की ए.सी.आर. पर प्रतिकूल टिप्पणियां दर्ज की जाएंगी। कूड़े के ढेर हटने के निरीक्षण की जांच एन.जी.टी. की मानीटरिंग कमेटी के चेयरमैन जस्टिस प्रीतमपाल सिंह करेंगे। एन.जी.टी. का मानना है कि जब भी कोई हाईवे अथवा रेल से सफर करता है तो उसे गंदगी के ढेर दिखाई देते हैं।

इससे संबंधित राज्य और जिलों की अच्छी तस्वीर नहीं बनती। एन.जी.टी. ने गत 14 जनवरी को गुरुग्राम में एन.सी.आर. के 14 जिलों की एक कांफ्रैंस भी बुलाई थी, जिसमें सभी जिलों को साफ निर्देश दे दिए गए थे कि वे एक माह के भीतर कूड़ा निस्तारण का बंदोबस्त कर लें। एन.जी.टी. की मानीटरिंग कमेटी के चेयरमैन जस्टिस प्रीतमपाल के अनुसार अब शहरी निकायों को 31 मार्च तक का समय दिया गया है। आदेशों को गंभीरता से नहीं लेने वाले अधिकारियों पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की मद में जुर्माना भी लगाया जा सकता है, जो कि उनके वेतन से काटा जाएगा। 

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vinod kumar