अरावली को खत्म कर सो रहे सरकारी विभागों पर एन.जी.टी. का तमाचा, ठोका 31.33 करोड़ जुर्माना

2/8/2020 11:11:32 AM

गुडग़ांव: 40 सालों में 40 फीसदी अरावली जिनकी निगहबानी में खत्म हुई ऐसे सरकारी महकमों को लेकर नैशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल (एन.जी.टी.) ने सख्त कदम उठाया है। तकरीबन 2 दशक पूर्व अरावली की गोद में बने भोंडसी पुलिस प्रशिक्षण केंद्र को लेकर न्यायायल ने हरियाणा पुलिस पर 31.33 रुपए का जुर्माना ठोंका है। न्यायालय ने कहा है कि हरियाणा पुलिस पर्यावरण को क्षति पहुंचाने और पेड़ों को काटने की एवज में यह जुर्माना वन विभाग को जमा करें।

उल्लेखनीय है कि वन संरक्षण अधिनियम 1980 का उल्लंघन करके व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी करके भोंडसी में पुलिस टे्रङ्क्षनग सैंटर का निर्माण कर लिया गया था जिसे लेकर पर्यावरण कार्यकत्र्ता रामअवतार यादव ने एन.जी.टी. में मामला दायर किया था। एन.जी.टी. ने पूरे मामले को देखते हुए अगस्त 2019 में हरियाणा सरकार के चीफ कंजरवेटर वन विभाग को नोटिस जारी कर इस बारे में जानकारी मांगी थी। पी.सी.सी.एफ. हरियाणा फोरेैस्ट की रिपोर्ट के बाद एन.जी.टी. ने पाया कि उक्त निर्माण न केवल वन विभाग की अनुमति के बगैर किया गया, बल्कि टी.एन. गोदावर्मन बनाम भारत सरकार के वाद में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन भी किया गया है। एन.जी.टी. ने इस मामले में पाया कि वन भूमि को गैर वानिकी कार्य के लिए प्रयोग किया गया है जिसके बाद केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय के सुझाव पर उक्त नुक्सान की भरपाई के लिए 31 करोड़ 33 लाख रुपए दिए जाने होंगे। 

मुख्य सचिव हरियाणा को देना होगा जवाब 
नैशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल ने अपने फैसले में कहा है कि अगली सुनवाई के पूर्व हरियाणा के मुख्य सचिव को उक्त जुर्माने को लेकर ट्रिव्यूनल को जबाव देना होगा। मुख्य सचिव ई.मेल के जरीए उक्त मामले में अपना जबाव दाखिल कर सकते हैं। न्यायालय ने कहा है कि उक्त मामले में नियमों की घनघोर अनदेखी की गई जिसके बारे में जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। इसी के साथ केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय को निर्देश देते हुए न्यायालय ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार प्रत्येक 3 साल पर विशेषज्ञों की एक कमेटी गठन किया गया। इसी प्रकार एक कमेटी बनाकर उक्त मामले में अगली सुनवाई के पूर्व ई.मेल से कोर्ट को सूचित किया जाए।

सबसे बड़ा सवाल
सवाल है कि गुडग़ांव, मानेसर, भोंडसी और सोहना आदि में विभिन्न सरकारी महकमों, प्रशिक्षण केंद्रों का निर्माण भी अरावली के अंतर्गत अथव डीम्ड फोरैस्ट एरिया में किया गया है। पर्यावरण कार्यकर्ता कहते हैं कि मानेसर पुलिस लाईस, प्रस्तावित केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल प्रशिक्षण केंद्र, सीमा सुरक्षा बल, नैशनल सिक्योरिटी फोर्स आदि का निर्माण भी अरावली अथवा डीम्ड फोरैस्ट क्षेत्र में किया गया है। क्या इनके निर्माण को लेकर भी न्यायालय सख्त रुख अपनाएगा। इतना ही नहीं, अरावली के अंदर बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया गया है और जगह-जगह बिल्डर पसरते गए हैं जाकि पर्यावरण और अरावली जैसी प्राचीन धरोहर के साथ खिलवाड़ है। 

Isha