NHM कर्मचारी करेंगे प्रदेशस्तरीय हड़ताल, सरकार को 25 अक्तूबर का अल्टीमेटम

10/21/2017 6:05:46 PM

हिसार (विनोद सैनी): स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की नेशनल हेल्थ मिशन योजना के तहत प्रदेश में करीब साढ़े 12 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। जिन्होंने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष का मोर्चा खोल दिया है। शनिवार को जिला स्तरीय पत्रकार वार्ता में संगठन के पदाधिकारियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से 25 अक्टूबर से पहले जवाब मांगा गया है।



कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 25 और 26 अक्टूबर को प्रदेश भर में सभी एनएचएम कर्मचारी पूर्ण रूप से हड़ताल पर रहेंगे। इससे आपात सेवाएं भी पूरी तरह प्रभावित होंगी जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी। पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए राज्य महासचिव विक्रम सोनी ने कहा कि स्वास्थ्य मिशन के तहत डॉक्टर से लेकर फार्मासिस्ट, नर्स और चालक तक पूरी निष्ठा और लगन के साथ स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान दे रहे हैं। बावजूद इसके राज्य सरकार उनकी मांगों को अनदेखा करती आ रही है।



उन्होंने कहा कि पिछले साल 26 अक्टूबर से 5 नवंबर तक अनिश्चितकालीन हड़ताल की गई थी तब स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया था कि मांगों को लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई जाएगी और मांगों पर विचार किया जाएगा। शर्मा ने कहा कि न तो आज तक कमेटी बनी और ना ही मांगें पूरी हुईं।

ये हैं प्रमुख मांगे:

सर्व शिक्षा अभियान की तर्ज पर बायलाज बनाकर नियमित वेतनमान दिया जाए।

भारत सरकार द्वारा अनुमोदित 8 प्रतिशत वेतन वृद्धि दी जाए। 

7वें वेतन आयोग के अनुसार बजट मिले।

हड़ताल के दौरान जो अवकाश हुआ उसका वेतन भुगतान मिले।

नियमितकरण पॉलिसी में एनएचएम कर्मचारियों को शामिल किया जाए।

केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में जो स्वीकृत पद हैं उनकी स्वीकृति भी जल्द मिले।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार एनएचएम कर्मचारियों को सभी भत्ते भी दिए जाएं।

पत्रकार वार्ता में राज्य महासचिव विक्रम सोनी ने स्वास्थ्य मंत्री पर इस मामले में ढिलाई बरतने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पिछले साल दो बार हड़ताल के बावजूद कर्मचारियों की मांगों की फाइलें स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगे नहीं बढ़ाई। इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री की खामोशी विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रही है। उन्होंने कहा कि बार-बार हड़ताल से आम जनता को भारी परेशानी होती है। ऐसे में सरकार को तुरंत कर्मचारियों की मांगों को पूरा करना चाहिए। अगर सरकार हमारी दो दिन की हड़ताल से भी मांगे नहीं पूरा करती। तो अग्रिम फैसला कमेटी द्वारा लिया जाएगा।