खुद प्यासा निडानी का जलघर, सिर पर पानी के मटके ढोने को मजबूर महिलाएं

2/10/2020 12:35:59 PM

जींद(जसमेर): साल 2022 तक हर घर में नल, हर नल में पानी की बात कर रही प्रदेश सरकार और उसके जन स्वास्थ्य विभाग को जींद से लगभग 11 किलोमीटर दूर स्थित निडानी गांव में 6 महीने से व्याप्त गंभीर पेयजल संकट आईना दिखाने का काम कर रहा है। निडानी गांव में जन स्वास्थ्य विभाग का जलघर खुद 6 महीने से प्यासा है और प्यासे जलघर से ग्रामीणों की प्यास बुझाए जाने की उम्मीद पूरी तरह बेमानी है। आलम यह है कि निडानी की महिलाएं एक किलोमीटर दूर से मटकों में पीने का पानी सिर पर ढोने के लिए मजबूर हैं। गर्मी में क्या हालत होगी, इसे सोचकर ही निडानी की महिलाओं की रूह तक कांप उठती है। 

निडानी गांव के जलघर में पिछले 6 महीने से पानी की एक बूंद भी नहीं है। जलघर का वाटर स्टोरेज टैंक सूखा पड़ा है। निडानी के जलघर को न्यू शामलो माइनर से पानी की सप्लाई के लिए जोड़ा गया है। इस माइनर की टेल पर पानी नहीं पहुंच रहा। इसी कारण जन स्वास्थ्य विभाग का निडानी का यह जलघर खुद पानी के लिए तरस रहा है और गांव के लोगों के साथ-साथ जलघर भी प्यासा है। 

नतीजा यह है कि गांव में पीने के पानी की सप्लाई ठप्प होकर रह गई है। गांव की महिलाओं को एक किलोमीटर दूर स्थित जलघर में लगे हैंडपम्पों से पीने का पानी मटकों में भरकर सिर पर ढोना पड़ रहा है। निडानी में महिलाओं के सिर पर पानी के मटके नजर आते हैं तो पुरुषों को भी झोटा-बुग्गी या बाइक पर पीने का पानी लाते किसी भी समय देखा जा सकता है। गांव की महिलाओं को सुबह और शाम घर के लिए पीने के पानी को ढोने की ङ्क्षचता खाए जा रही है।

निडानी में सर्दी के दिनों में भी गंभीर पेयजल संकट को लेकर गांव के रमेश प्रधान, काला पंडित, मिजा, ईश्वर, सुरेश पंच, होशियारा, महिपाल पंडित, बागल का कहना है कि समस्या के समाधान को लेकर वह कई बार जींद में डी.सी. तथा जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन देकर अवगत करवा चुके हैं। अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने कहा कि पेयजल संकट के समाधान के लिए गांव में गोपी वाले कुएं के पास 1400 फुट की गहराई पर बड़ा सबमर्सीबल पंप लगवाया जाए। इसके अलावा एक बूस्टर का निर्माण करवाकर उससे आगे घरों में पीने का पानी सप्लाई किया जाए।
  
 

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vinod kumar