हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित कर्मियों की नौकरी पर सरकार में कोई फैसला नहीं

6/25/2018 10:23:19 AM

चंडीगढ़(पांडेय): हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित कर्मचारियों की नौकरी बचाने को लेकर खट्टर सरकार अब तक कोई फैसला नहीं ले पाई है। जबकि सर्व कर्मचारी संघ की ओर से लगातार विधानसभा में बिल के जरिए कर्मचारियों की नौकरी पक्की करने की मांग की जा रही है।

इस मांग को लेकर सर्व कर्मचारी संघ के नेता लगातार विपक्षी दलों के नेताओं को मांग पत्र भी सौंप रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और इनैलो नेता अभय सिंह चौटाला की ओर से सरकार को बिल लाने के लिए पत्र लिखने की बात कही जा रही है। लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक विधानसभा में बिल लाने की संबंधी मामले पर कोई सहमति नहीं बन पाई है। 

फिलहाल विधानसभा के मानसून सत्र में कर्मचारियों के मामले में विपक्षी दलों का हंगामा होना तय हैं। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने पूर्व सरकार की नियमितीकरण प्रक्रिया को रद्द करते हुए उस दौरान पक्के हुए कर्मचारियों को हटाने के लिए 6 महीने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उनके मंत्रियों की तरफ से कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही जा रही थी। लेकिन सरकार के महाधिवक्ता द्वारा दी गई राय के बाद सरकार असमंजस की स्थिति में फंस गई है। वहीं कर्मचारी यूनियनों और विपक्षी दलों ने अब सरकार पर कर्मचारियों की नौकरी पक्की करने के लिए विधानसभा में बिल लाने की मांग जोर पकडऩी शुरू हो गई है।

करीब 1 लाख कर्मियों को मिल सकता है तोहफा 
खट्टर सरकार यदि कच्चे कर्मियों को पक्का करने के लिए किसी दूसरे राज्यों की पॉलिसी या विधानसभा में कानून बनाती है तो उससे अब एक लाख कर्मियों को फायदा हो सकता है। वजह साफ है कि मौजूदा समय में प्रदेश भर में करीब एक लाख कच्चे कर्मचारी काम कर रहे हैं जो इस दायरे में आ सकते हैं। कर्मचारियों की तादात बढऩे से सरकार भी मुश्किल में पड़ गई है कि आखिर किस तरह से इसका रास्ता निकाला जाए जिसका लाभ आगामी चुनावों में भी मिल सके।
 

Rakhi Yadav