पूर्व हरियाणा विधानसभा को भंग करने संबंधी कोई नोटिफिकेशन नहीं की गई जारी

1/16/2020 10:45:08 PM

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा की पूर्व अर्थात 13 वीं विधानसभा (अक्टूबर 2014 -अक्टूबर 2019 ) और उससे पिछली विधानसभा को हरियाणा के राज्यपाल के आदेश द्वारा भंग किए संबंधी कोई नोटिफिकेशन हरियाणा विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी नहीं की गई। इसका जबाव विधानसभा सचिवालय द्वारा आरटीआई में दिया गया। बता दें कि दिसंबर 2019 को हरियाणा विधानसभा में दायर इस संबंध में दायर आरटीआई याचिका, जिसमें याचिकाकर्ता पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने उक्त दोनों विधानसभाओं को राज्यपाल द्वारा भंग करने के संबंध में हरियाणा विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन्स की कॉपी मांगी थी। 

उस याचिका का बीती 13 जनवरी, 2020 को जवाब दिया गया कि ऐसी कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं की गई है, क्योंकि उक्त दोनों विधानसभाओ ने संविधान के अनुच्छेद 172 (1 ) में अपनी पांच वर्ष का कार्यकाल पूर्ण किया गया था। इस बारे में  हेमंत ने कानूनी तर्क दिया है कि यह सत्य है कि संविधान के अनुच्छेद 172 (1 ) के अनुसार किसी राज्य की विधानसभा का कार्यकाल हालांकि उसके बुलाये गए पहले सत्र अर्थात पहली बैठक से पांच वर्ष तक की अवधि के लिए होता है। 

जैसे  हरियाणा की मौजूदा  विधानसभा की पहली बैठक बीते वर्ष  4 नवंबर, 2019 को  हुई है, इसलिए इस विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर, 2024 तक का होगा। बशर्ते इसे इससे पहले समयपूर्व भंग न कर दिया जाए, लेकिन इसके बावजूद नई विधानसभा आम चुनाव होने के तुरंत बाद प्रदेश कैबिनेट द्वारा पिछली विधानसभा को भंग करने के संबंध में राज्यपाल से सिफारिश करना आवश्यक  होता है।

जिसके बाद  राज्यपाल संविधान के अनुच्छेद 174 (2 ) (ख ) के अंतर्गत इस बाबत आदेश होते हैं जिसे फिर विधानसभा सचिवालय द्वारा अधिसूचित किया जाना चाहिए,  इसलिए बेशक हरियाणा की पिछली अर्थात 13 वीं विधानसभा का पांच वर्ष का कार्यकाल 2 नवंबर 2019 तक का था, परन्तु 25  अक्टूबर,2019 को विधानसभा आम चुनावों के नतीजे नोटिफाई होने के बाद तत्कालीन प्रदेश कैबिनेट द्वारा राज्यपाल को पूर्व विधानसभा को भंग करने संबंधी अनुसंशा की जानी चाहिए थी।

जिसे बाद राज्यपाल द्वारा इस बाबत जारी आदेश को हरियाणा विधानसभा द्वारा गजट नोटिफिकेशन मार्फत अधिसूचित किया जाना चाहिए था। हेमंत ने यह भी बताया की संविधान के अनुच्छेद 83 (2 ) के अनुसार किसी लोक सभा का कार्यकाल भी उसके बुलाये गए पहले सत्र अर्थात पहली बैठक से पांच वर्ष तक की अवधि के लिए  होता है, लेकिन इसके बावजूद आज तक भारत के सभी तत्कालीन राष्ट्रपतियों ने अब तक गठित संबंधी 16 लोक सभाओ को भंग करने संबधी आदेश भारतीय संविधान के अनुच्छेद 85 (2 ) (ख ) में जारी किए हैं। 

जिसे लोकसभा सचिवालय द्वारा भारत सरकार के गजट में अधिसूचित किया जाता रहा है, चाहे वह लोक सभा समयपूर्व भंग की गई हो अथवा उस लोक सभा ने पांच वर्ष का निर्धारित कार्यकाल पूर्ण किया हो। हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों बाद मनोहर लाल खट्टर सरकार की तत्कालीन कैबिनेट द्वारा पूर्व हरियाणा विधानसभा को भंग करने संबधी अनुसंशा राज्यपाल को नहीं की गई। 

हेमंत ने बताया कि सत्य तो यह है विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद पिछली  हरियाणा कैबिनेट की कोई बैठक ही नहीं हुई। पिछली हरियाणा कैबिनेट की अंतिम बैठक 30 अगस्त 2019 को संपन्न हुई थी। पूर्व विधानसभा को भंग करने की अनुसंशा न प्राप्त होने के कारण ही  राज्यपाल  सत्यदेव नारायण आर्य द्वारा पिछली अर्थात 13  वीं   हरियाणा विधानसभा को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 174 (2)(ख) के अंतर्गत भंग करने का आदेश ही नहीं किया गया। जिसके कारण हरियाणा विधानसभा सचिवालय भी इस संबंध में अधिसूचना जारी नहीं कर सका।

Edited By

vinod kumar