2 दिन से जल सत्याग्रह पर बैठे किसान, सुध लेने वाला कोई नहीं

8/24/2019 11:56:03 AM

नारायणगढ़/अम्बाला (सुशील/रीटा): बरसाती सीजन में सरकार द्वारा सुरक्षा के लिहाज से लोगों को नदियों के आस-पास भी न जाने की चेतावनी दी जाती है लेकिन प्रदेश के जिला अम्बाला का नारायणगढ़ एक ऐसा क्षेत्र है जहां के किसान पिछले 2 दिन से बेगना नदी के बीच जल सत्याग्रह पर बैठे हैं लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। किसानों का यह जल सत्याग्रह न तो फसल की कीमत बढ़ाने के लिए है न ही किसी सुख सुविधा की मांग के लिए बल्कि यह गन्ना उत्पादक किसान प्रदेश सरकार से अपने खून पसीने द्वारा तैयार की गई व स्थानीय शूगर मिल को महीनों पहले बेची गई फसल की कीमत दिलवाने की मांग कर रहे हैं। किसानों की यह गांधीगीरी शौकिया नहीं अपितु मजबूरी वश है।

विडम्बना देखिए कि किसान का पैसा न देने वाली इस मिल से एक केंद्रीय मंत्री व 6 विधायकों का क्षेत्र व किसान जुड़े हुए हैं फिर भी देश की जनता का पेट भरने वाले अन्नदाता की मांग पर कोई कान धरने वाला नहीं। 

नारायणगढ़ शूगर मिल की तरफ  बकाया हैं करोड़ों रुपए
बताते चलें कि नारायणगढ़ शूगर मिल की तरफ  पिराई सीजन 2018-19 की करोड़ों रुपए की राशि बकाया खड़ी है जिसको लेकर गन्ना उत्पादक किसान महीनों से संघर्षरत हैं लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही। थक-हारकर किसानों ने भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले व प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में वीरवार 22 अगस्त को पहले तो अर्धनग्न हो प्रदर्शन किया फिर सभी किसान साथ लगती बेगना नदी में जल सत्याग्रह पर बैठ गए जो शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रहा।

हजारों किसानों की समस्या के प्रति रवैया नकारात्मक
नारायणगढ़ शूगर मिल मिल से 6 विधानसभा क्षेत्रों नारायणगढ़, साढौरा, मुलाना, अम्बाला कैंट, अम्बाला शहर, कालका व पंचकूला के हजारों किसान जुड़े हुए हैं। इस क्षेत्र के सांसद रतन लाल कटारिया हैं जो मोदी मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री है वहीं,नारायणगढ़ के पूर्व विधायक व अब कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सैनी भी यहीं से हैं जबकि अम्बाला कैंट से अनिल विज,शहर से असीम गोयल,कालका से लतिका शर्मा,पंचकूला से ज्ञान चंद गुप्ता व साढौरा से बलवंत सिंह विधायक हैं जो सभी भाजपा के हंै लेकिन बावजूद इसके हजारों किसानों की इस समस्या के प्रति सभी का रवैया फिलहाल वक्त तक नकारात्मक ही है किसी ने भी आंदोलनरत किसान की सुध लेने की जहमत नहीं उठाई। 

Isha