हरियाणा चुनाव: 90 सीटों में से 58 सीटें ऐसी, जहां कभी नहीं बनीं कोई महिला विधायक

10/5/2019 12:30:09 PM

डेस्क: हरियाणा की 90 सीटों में से 58 सीटें ऐसी हैं, जिनसे कभी कोई महिला विधायक नहीं बनीं। इसमें सबसे ज्यादा बार कलानौर से महिला विधायक बनीं हैं। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 44 बार महिला विधायक दी हैं। 2014 में 115 महिलाओं ने विधानसभा चुनाव लड़ा, केवल 13 ही जीत पाई थीं। इस बार भाजपा ने 12, कांग्रेस ने 9, इनेलो ने 15 व जजपा ने 7 महिलाओं को उतारा है।

बता दें कि हरियाणा में 1967 से 2014 तक सबसे ज्यादा 44 बार महिला विधायक बनीं हैं। 11 बार भाजपा से, 6 बार जनता दल और इनेलो से, 4 बार जनता पार्टी से, दो बार विशाल पार्टी से, दो बार हविपा से, एक-एक बार महिला विधायक बनीं हैं। वहीं प्रदेश में अब तक तीन ही महिलाएं निर्दलीय विधायक बनीं हैं। इनमें 1982 में बल्लभगढ़ से शारदा रानी, 1987 में झज्जर से मेधावी और 2005 में बावल से शकुंतला भगवाडीया निर्दलीय विधायक बनीं।

हरियाणा की राजनीति में विदेश मंत्री स्व. सुषमा स्वराज का नाम सबसे आगे लिया जाता है। लेकिन 1972 में चंद्रावती ने तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल को हरा प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी थी। बाद में वो पुडुचेरी की उपराज्यपाल भी बनीं। 2000 के गुडग़ांव विधानसभा चुनाव में किन्नर धन्नो देवी चुनाव में उतरीं। 1283 वोट मिले थे। चुनाव आयोग ने महिला प्रत्याशी की श्रेणी में रखा था।

बता दें कि 2014 में 115 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं। इसमें 13 महिलाएं विधायक बनीं। चुनावी मैदान में इनेलो से 16, भाजपा से 15, कांग्रेस से 10, बसपा से 6, हलोपा से 12, हजका से 5 और निर्दलीय 33 महिलाएं। इनमें से भाजपा से 8, कांग्रेस से 3, इनेलो और हजका से एक-एक महिला विधायक बनीं।

Shivam