ट्यूबवेल कनेक्शन लेने के नोटिस जारी, लेकिन शर्तों के आगे झुके किसान

4/5/2019 3:51:44 PM

यमुनानगर (कुलदीप सैनी): हरियाणा में लम्बे समय से ट्यूबवेल कनेक्शन जारी होने इंतजार में बैठे किसानों को बिजली विभाग ने सौगात देते हुए दिसंबर 2018 तक के सभी आवेदकों को कनेक्शन लेने के लिए नोटिस जारी किये हैं। लेकिन निगम के इस नोटिस में क्नेक्शन लेने के लिए लगाईं गयी शर्ते किसानो के गले की हड्डी बन कर रह गयी है। शर्तों के तहत किसानों को नया कनैक्शन लेने के लिए बिजली निगम के अलावा कृषि विभाग के भी चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। जिससे किसानों में भारी रोष देखा जा रहा है।



किसानों ने बताया की उन्होंने बिजली निगम से टयूबवैल का नया कनैक्शन लेने के लिए वर्षों पहले आवेदन किया था। जिसके बाद अब निगम द्वारा क्षेत्र के 846 किसानों को टयूबवैल कनैक्शन लेने के लिए नोटिस भेजे गए हैं। नोटिस के तहत बिजली निगम ने नया कनैक्शन लेने वाले किसानों के लिए बहुत सी शर्ते लगा दी है। उन शर्तो को पुरा करने के बाद ही बिजली निगम द्वारा उन्हें कनैक्शन दिए जांएगे। शर्त के अनुसार बिजली निगम ने टयूबवैल की मोटरे बनाने वाली 6 कंपनियों को अधिकृत किया है। इन कंपनियों की मोटर टयूबवैल में इस्तेमाल करने पर ही किसानों को टयूबवैल का नया कनैक्शन दिया जाएगा।



इन कंपनियों के अलावा दूसरी कंपनी की मोटरे इस्तेमाल करने पर किसानों को टयूबवैल का नया कनैक्शन नहीं दिया जाएगा। किसानों का कहना है कि बिजली निगम की यह शर्त सरासर किसानों के साथ अन्याय है। अधिकतर किसान बाजार से पुरानी मोटर लेकर नया कनैक्शन शुरू करते है। बाजार में अनेक मोटर बनाने वाली कंपनियां काम कर रही है। ऐसे में बिजली निगम द्वारा मात्र 6 मोटर बनाने वाली कंपनियों को ही टयूबवैल कनैक्शन लेने के लिए अधिकृत किया गया है।



इसके अलावा बिजली निगम ने टयूबवैल का नया कनैक्शन लेने के लिए संबंधित किसान के खेत में पाईपलाईन बिछा होना जरूरी है। पाईप लाईन बिछी होने की रिपोर्ट किसान को कृषि विभाग से करवानी होगी। किसानों का कहना है कि सरकार की यह शर्त भी सरासर गलत है। उन्होंने बताया कि उनके खेतों में पाईपलाईने पहले से बिछी हुई है। अब कृषि विभाग के कर्मचारी उनसे उनके खेतों में बिछी पाईपलाईनों के बिल मांग रहे है।



किसानों का कहना है कि उनके खेतों में लंबे समय पहले पाईप लाईने बिछी थी। अब वह इतने लंबे समय बाद पाईप लाईनों का बिल कहां से दिखाए। इसके अलावा बहुत से किसानों के पास मात्र एक से दो एकड ही भुमि है। जिस पर पाईप लाईन बिछाना सभव नही है। ऐसे में वह पाईप लाईन कैसे बिछा सक ते है। किसानों की मांग है कि निगम द्वारा लगाई गई शर्तो को वापिस लिया जाए। 

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