20 साल पूर्व हुए एनकाऊंटर में निष्पक्ष जांच की मांग पर सरकार को नोटिस

2017-11-21T08:42:26.497

चंडीगढ़(बृजेन्द्र):20 वर्ष पूर्व जुलाई, 1997 में सोनीपत पुलिस द्वारा किए गए एनकाऊंटर में मारे गए 2 लोगों में से एक की मौत पर सवाल उठाते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार समेत डी.जी.पी. एवं आई.जी.पी. रोहतक रेंज को नोटिस जारी किया गया है। केस की अगली सुनवाई 21 दिसम्बर को होगी। सोनीपत के दलबीर सिंह सरोहा ने हरियाणा सरकार, डी.जी.पी. व आई.जी.पी. रोहतक को पार्टी बनाते हुए यह याचिका दायर की है। याचिका में विनोद कुमार नामक व्यक्ति की हत्या के मामले में किसी स्वतंत्र एजैंसी या सीनियर आई.पी.एस. रैंक ऑफिसर से निष्पक्ष जांच करवाए जाने की मांग की गई है। 

विनोद कुमार की मौत को फर्जी एनकाऊंटर का नतीजा बताया गया है। कहा गया है कि विनोद का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं था। कोर्ट के आदेशों के बावजूद मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। मामले में काऊंसिल एडवोकेट राजवंत सिंह चाहल ने बताया कि इससे पहले मृतक के परिजनों की मांग पर सी.जे.एम. सोनीपत ने केस की जांच सी.बी.आई. को सौंपी थी। वहीं सी.बी.आई. द्वारा मामले में कार्रवाई न करने के आरोप लगाते हुए वर्ष 2015 में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें मांग की गई थी कि सी.जे.एम. सोनीपत के आदेशों के मुताबिक सी.बी.आई. के डी.आई.जी. को जांच करने के आदेश दिए जाएं। सी.बी.आई. ने जारी नोटिस पर हाईकोर्ट में दिए अपने जवाब में कहा था कि सम्बंधित पुराना रिकार्ड नष्ट हो चुका है। 

मृतक के पिता ओम प्रकाश चुघ के मुताबिक विनोद शाम 8 बजे 2 जुलाई, 1997 को अपने सी.ए. से मिलने निकला था। उसके वापस न आने पर सोनीपत पुलिस को शिकायत दी गई। बाद में पुलिस जानकारी मिली कि एनकाऊंटर में 2 लोगों को मार गिराया गया था। आनंद सिनेमा के पास यह एनकाऊंटर बताया गया था। मरने वालों में एक अपराधी कर्मवीर उर्फ धीरा था जबकि अन्य की पहचान परिवार ने विनोद कुमार के रूप में की। विनोद के शरीर में 2 गोलियां लगी थीं। सोनीपत पुलिस ने इस मामले में हत्या के प्रयास, सरकारी कर्मी को चोट पहुंचाने, उसकी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने, हथियारों सहित दंगा करने व अार्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।
 

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