अब भाजपा विधायकों को पावरफुल बनाने की तैयारी

4/7/2017 10:55:16 AM

चंडीगढ़ (बंसल/ पांडेय):सरकार की कार्यशैली से नाराज चल रहे भाजपा विधायकों को खुश करने के लिए अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की टीम ने नया रास्ता खोज लिया है। पार्टी हाईकमान के निर्देशों के बाद अब सरकार की ओर से पार्टी विधायकों को पावरफुल बनाने की अंदरूनी कवायद शुरू हो गई है। इसकी बानगी आज से मुख्यमंत्री खट्टर की समीक्षा बैठक से दिखनी शुरू हो गई है। बताया गया कि मुख्यमंत्री ने सी.एम. घोषणा की लंबित योजनाओं की बैठक के लिए अब अफसरशाही के समक्ष स्थानीय विधायकों को भी बुलाना शुरू किया है। वीरवार की बैठक में पानीपत और यमुनानगर जिले के सभी विधायकों को मीटिंग में बुलाया गया था, जिसमें विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र की लंबित योजनाओं के बारे में सवाल-जवाब किया। यह सिलसिला अब प्रदेश भर के सभी जिलों की समीक्षा बैठक तक चलता रहेगा।

खास बात यह है कि इस बैठक में विधायकों की सभी बातों को अफसरों की ओर से तरजीह दी गई है और उनके सुझावों को अमल में लाने के लिए मुख्यमंत्री की ओर से आदेश भी दिए गए।  सूत्रों की मानें तो अब विधायकों के जरूरी कार्यों को लेकर भी मुख्यमंत्री की ओर से अफसरों को साफ निर्देश दिया जा चुका है। खट्टर सरकार के कार्यकाल में आज ऐसी पहली समीक्षा बैठक हुई, जिसमें विधायकों को शामिल किया गया। सरकार को यह आइडिया मुख्यमंत्री के खास सिपहसलारों की ओर से दिया गया था। इस बैठक में सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों व निदेशकों को बुलाया गया था।  इन अफसरों की मौजूदगी में विधानसभा वार लंबित योजनाओं की समीक्षा की गई।

विधायकों को कराना होगा जमीन का जुगाड़ 
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में विधायकों को यह कहा गया है कि जिन योजनाओं के लिए जमीन की दिक्कत आ रही है, उसे पूरा कराने का काम विधायकों का है। मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों को कह दिया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में लंबित योजनाओं को शुरू करवाने के लिए अपने स्तर पर जमीन की व्यवस्था कराए, जिसमें सरकार पूरा सहयोग करेगी। इसके लिए अफसरों को विधायकों के साथ मिलकर काम करने को कहा गया है। इस बैठक में दोनों जिलों के उपायुक्तों को भी शामिल किया गया ताकि वह विधायकों के साथ आपसी समन्वय बना सके।

बता दें कि जमीन की कमी के कारण कई योजनाएं वर्षों से कागजों में धूल फांक रही हैं। ऐसे में अब मुख्यमंत्री ने जमीन मुहैया करवाने की जिम्मेदारी विधायकों पर डाल दी है। 31 मार्च तक सिरे नहीं चढ़ सकी मुख्यमंत्री की घोषणाएं नए वर्ष के दूसरे दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की ओर से किए गए बड़े दावे के बाद भी सी.एम. की घोषणाएं तय समय 31 मार्च तक सिरे नहीं चढ़ पाई। उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो कई विभागों के प्रशासनिक सचिवों की ओर से तो योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का प्रारूप तैयार किया गया, लेकिन अधिकांश विभागों की रफ्तार धीमी नजर आई। जमीन से संबंधित अधिकांश योजनाएं कागजों में ही अटकी रह गई। बता दें कि लंबित योजनाओं को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री की ओर से अफसरों को 31 मार्च तक का समय दिया गया था। अब कई विभागों के अफसरों ने अगले 2 महीने तक योजनाओं को पूरा करने के लिए समय मांगा है।