कोई कहता था 75 पार, कोई कहता था यमुना पार, अब दोनों बन गए यार : हुड्डा

11/6/2019 11:26:23 AM

डेस्कः राज्यपाल अभिभाषण की चर्चा पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा-जजपा गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कोई कहता था 75 पार, कोई कहता था यमुना पार,अब दोनों बन गए यार। उन्होंने कहा कि मैं सरकार की विफलताओं पर चर्चा नहीं करूंगा,क्योंकि लोगों ने सरकार को परिणाम दे दिया है। उन्होंने भॢतयों के मामले पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कमजोर नौकरी से वंचित हो गए और उच्च शिक्षा प्राप्त अपमानित हो गए। उन्होंने कहा कि सरकार ने उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं को गु्रप डी में भर्ती करके उन्हें अपमानित किया। कोर्ट तक सरकार की भॢतयों पर उंगली उठा रही है। बिजली निगम में 80 एस.डी.ओ. में से 78 बाहर के और हरियाणा के 2 युवा थे। कैग की रिपोर्ट अनुसार हरियाणा स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में 7वें स्थान पर है तो विज ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट अनुसार हरियाणा पहले नंबर पर है। इस पर हुड्डा ने हंसते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि इस बार इनका महकमा बदल देना। 

उन्होंने कहा कि धान व बाजरे की खरीद नहीं हो रही। पहले 154 वायदे किए थे अब 260 कर दिए। राज्यपाल अभिभाषण में किसानों की आय दोगुनी करने की बात पर हुड्डा ने कहा किसान का आलू 8 पैसे किलो बिका था अब दोगुनी करने पर 16 पैसे किलो बिक जाएगा। प्रदेश में बेरोजगारी की दर 28 प्रतिशत है जो ङ्क्षचताजनक है। सरकार पराली को लेकर किसान को सिर्फ दोष दे रही है,जबकि सरकार को पराली के लिए किसान को कैश देना चाहिए। पराली के लिए जिस दवाई पर सबसिडी देने की बात कर रहे हैं उसकी कीमत 20 रुपए है तो ऐसे में 10 रुपए की सबसिडी देकर पराली के इलाज की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंडियों में उठान नहीं हो रहा,सत्र खत्म होते ही वह मंडियों का दौरा करेंगे। उन्होंने सत्तापक्ष की तरफ इशारा करते हुए कहा कि सूखी बड़ाई मत करो,काम करो। अच्छा काम करोगे तो लोग प्रशंसा करेंगे। राज्यपाल अभिभाषण न तो कोई सरकार की उपलब्धि है और न ही कोई विजन, इसलिए नीरस है और जल्दबाजी में तैयार किया गया अभिभाषण है।

विधानसभा में उठाया जाट आरक्षण का मुद्दा 
अभिभाषण दौरान जाट आरक्षण का मुद्दा भी उठा। बेरी से कांग्रेस विधायक रघुबीर सिंह कादियान ने इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने सदन में डिप्टी सी.एम. दुष्यंत चौटाला की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन दौरान दर्ज किए गए मुकद्दमों को वापस लिया जाए। कादियान ने कहा कि जो जाट आंदोलन दौरान निर्दोष बच्चे जेलों में बंद हैं, उनको माफीनामा देकर छोड़ा जाए। कादियान ने सदन में कहा कि काफी ऐसे लोग हैं जो जेलों में बंद हैं और उनकी पढ़ाई खराब हो रही है। परिवारों में कोई कमाने वाला नहीं है,ऐसे में सरकार को इस पहले ही सत्र में उन बच्चों के लिए माफीनामा दिखाना चाहिए ताकि उन परिवारों को भी कुछ राहत मिले।  

Isha