अब फर्जी परीक्षार्थी नहीं दे पाएंगे परीक्षा, क्यूआर कोड से होगी पहचान

3/1/2020 12:21:34 PM

भिवानी : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने फर्जी परीक्षार्थियों को पकडऩे के लिए हाईटैक टैक्नोलोजी का इस्तेमाल कर प्रवेश-पत्रों पर क्यू-आर कोड अंकित किया। अब फर्जी परीक्षार्थियों की खैर नहीं। 03 मार्च से प्रारम्भ होने वाली सैकेंडरी/सीनियर सैकेंडरी (शैक्षिक/मुक्त विद्यालय) वार्षिक परीक्षा मार्च-2020 को हस्तक्षेप रहित-पारदर्शी बनाने के लिए प्रवेश-पत्र पर क्यू-आर कोड लगाया गया है। उडऩदस्ते क्यू-आर कोड को स्कैन करके परीक्षार्थी के फोटो व विवरणों की जांच की जाएगी। जिससे फर्जी परीक्षार्थियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा।

डा. सिंह ने बोर्ड के अध्यापक भवन में विभिन्न उडऩदस्तों में नियुक्त बोर्ड के अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए दिशा-निर्देश दिए कि वे अपनी परीक्षा ड्यूटी पूर्ण कत्र्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी व निष्ठा से दें। उन्होंने बताया कि उडऩदस्तों में शामिल बोर्ड के अधिकारियों/ कर्मचारियों का वॉटसएप ग्रुप बनाया गया है। परीक्षा केंद्रों पर कोई अनियमितता पाई जाती है तो इसकी सूचना तुरंत बोर्ड मुख्यालय पर दें। उन्होंने कहा कि उडऩदस्तों में नियुक्त संयोजक एवं सदस्य तथा ड्यूटी पर तैनात सभी स्टाफ द्वारा अपने कमीज की जेब पर या गले में सक्षम अधिकारी द्वारा जारी पहचान-पत्र लगाया जाना अनिवार्य होगा।

प्रवेश-पत्र पर प्रतिदिन परीक्षार्थी एवं पर्यवेक्षक के हस्ताक्षर किए जाने अनिवार्य हैं तथा इसकी जांच भी उडऩदस्ते करें।उन्होंने कहा कि निरीक्षण करते समय पर्यवेक्षक अमले के पहचान-पत्र अवश्य चैक किए जाएं तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई पर्यवेक्षक गलत ड्यूटी तो नहीं दे रहा है। निरीक्षण करते समय प्रतिरूपण केसों पर विशेष ध्यान दिया जाए। यदि किसी पर्यवेक्षक के कमरे में एक ही समय में 2 से अधिक अनुचित साधन के केस बनते हैं तो उस अवस्था में पर्यवेक्षक को कार्यभार मुक्त करते हुए इसकी सूचना बोर्ड कार्यालय को दी जाए। उन्होंने कहा कि परीक्षा केन्द्रों पर अनुपस्थित पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पहले दिन ही उत्तरपुस्तिकाओं के बंडल के साथ संग्रहण केन्द्र पर जमा करवाई जाए।

बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि सभी उडऩदस्तों द्वारा यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि उनके संयोजक एवं सदस्यों का कोई भी सगा सम्बन्धी, पुत्र-पुत्री, पति-पत्नी या अन्य कोई ब्लड रिलेशन वाला परीक्षार्थी परीक्षा दे रहा है तो उनसे लिखित में लेते हुए इस बारे तुरंत बोर्ड कार्यालय को सूचित किया जाए तथा उस अवस्था में उन द्वारा उस परीक्षा केन्द्र का निरीक्षण नहीं किया जाना है। उन्होंने कहा कि किसी परीक्षा केंद्र पर केन्द्र अधीक्षक द्वारा नकल करवाने में संलिप्तता/सहयोग पाया जाता है तो उस अवस्था में बोर्ड से सम्पर्क करते हुए वैकल्पिक प्रबन्ध उपरान्त उसे कार्यभार मुक्त किया जाए।

उन्होंने आगे कहा कि सिटिंग प्लान, हस्ताक्षर चार्ट में दिए गए परीक्षार्थियों के अनुक्रमांकों के क्रम अनुसार ही बनाई जानी है तथा परीक्षा समाप्ति उपरांत उत्तरपुस्तिका के बंडल पूर्व प्रथा अनुसार 30-30 उत्तरपुस्तिकाओं के ही बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रश्र-पत्र उडऩदस्ता इंचार्ज उनके जिलों में गठित आर.ए.एफ. व अन्य उडऩदस्तों के साथ आपसी तालमेल बिठाकर रूट तैयार करेंगे।

रूट इस प्रकार बनाए जाएं कि प्रत्येक परीक्षा केन्द्र का निरीक्षण हो सके। डा. सिंह ने बताया कि परीक्षाओं में अनुचित साधनों का प्रयोग करने वालों तथा सहायता प्रदान करने वालों के खिलाफ ‘शून्य सहनशीलता’ की नीति अमल में लाई जाएगी। परीक्षा आरम्भ होने से पूर्व सभी विद्यार्थियों की तलाशी के बाद ही परीक्षा भवन में प्रवेश की अनुमति होगी।

Isha