अब प्रदेश के किसान भी बन सकते हैं बिजली उत्पादक

1/17/2020 5:00:55 PM

करनाल(काम्बोज): हरियाणा के किसान बिजली के 33 के.वी. सब-स्टेशनों के साथ लगती बंजर अथवा कम उपज वाली जमीन पर ‘प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान योजना’ (कुसुम योजना) के अंतर्गत सौर ऊर्जा प्लांट लगाकर बिजली उत्पादन कर सकते हैं और ग्रिड को सप्लाई कर सकेंगे। ऐसे में किसानों को बिजली की अच्छी सुविधा के साथ-साथ आमदनी में भी बढ़ौतरी होगी।

हरियाणा के दोनों बिजली वितरण निगमों (उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम) द्वारा इस योजना में शामिल होकर सौर ऊर्जा प्लांट के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। गौरतलब है कि ‘किसान उर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान (कुसुम) योजना’ भारत सरकार द्वारा किसानों के कल्याण को मुख्य रखते हुए 2019 में शुरू की गई है। इसके अंतर्गत 500 किलोवाट से लेकर 2 मैगावाट के सोलर व अन्य नवीकरणीय ऊर्जा के प्लांट लगाए जाएंगे।  

 निगम के प्रवक्ता ने बताया कि योजना में शामिल होने के लिए नोटीफाइड 33 के.वी. सब-स्टेशन के 5 किलोमीटर के दायरे में भूमि होना आवश्यक है। एक मैगावाट क्षमता वाला सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए 4 एकड़ भूमि की अनिवार्य है। जो किसान सोलर प्लांट पर निवेश न करके सिर्फ अपनी भूमि सोलर प्लांट के लिए लीज पर देना चाहते हैं, वे 30 जनवरी, 2020 तक निगमों के वैब पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वहीं जो किसान, पंचायत, संगठन, डिवैल्पर व अन्य निवेशक अपनी भूमि या लीज पर भूमि लेकर सोलर प्लांट लगाना चाहते हैं, वे 10 फरवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 
किसानों को आॢथक सक्षम होने में मिलेगी सहायता

उन्होंने बताया कि इस योजना से किसानों की बंजर भूमि को उपयोगी बनाए जाने के साथ-साथ किसानों को आॢथक सक्षम होने में भी सहायता मिलेगी और साथ ही बड़े स्तर पर नवीकरणीय रूप में सौर ऊर्जा से बिजली का उत्पादन होगा जिससे कि थर्मल में बिजली उत्पादन में कमी आएगी और प्रदूषण भी कम होगा। दोनों बिजली वितरण निगम प्रदेश के किसानों, पंचायतों, संगठनों व डिवैल्परों से आग्रह करते हैं कि इस योजना को अपनाएं व प्रदेश के विकास में अपना योगदान दें।  

Edited By

vinod kumar