...अब न तो रहने की कोई दिक्कत है और न खाने की

4/3/2020 10:33:42 AM

भिवानी : साहब, हमें यहां न तो रहने की कोई दिक्कत है और न खाने की। सब-कुछ सही है। दोनों समय भरपूर खाना मिल रहा है। जब भी लॉकडाऊन खुलेगा हम अपने काम पर या घर पर चले जाएंगे। यह कहना है शैल्टर होम में रह रहे प्रवासी मजदूरों का। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाऊन लागू है। लॉकडाऊन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी नागरिकों से अपने घरों में रहने की अपील की है ताकि कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले।

जिला प्रशासन द्वारा लोगों से अपने घरों में ही रहने की अपील की गई है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो प्रवासी हैं और जिनके पास रहने को यहां घर नहीं हैं। ये लोग यहां पर किसी न किसी काम के लिए आए हैं, लेकिन काम बंद होने से वे वापस नहीं जा सके। ऐसे लोगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा जिलेभर में शैल्टर होम स्थापित किए हैं। यहां पर प्रशासन द्वारा भोजन आदि की समुचित व्यवस्था करवाई गई है। जब हमने शैल्टर होम में रह रहे प्रवासी मजदूरों से बातचीत की तो उन्होंने प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंधों पर प्रशासन का आभार जताया।

रोहतक रोड स्थित राधा स्वामी सत्संग भवन ब्यास आश्रम में रह रहे मध्यप्रदेश के टीगमगढ़ से ज्ञासी लाल और काशी बाई ने बताया कि वे मजदूरी के लिए भिवानी आए थे लेकिन अचानक ऐसे हालात बन गए कि उनको काम नहीं मिला। ऐसे में उनको यहां पर शरण मिली। उन्होंने बताया कि यहां पर उनको किसी प्रकार की परेशानी नहीं है। बहुत ही अच्छा भोजन मिल रहा है। इसी प्रकार से यहां पर रह रहे लखनऊ निवासी श्यामलाल और अलवर निवासी विष्णु ने बताया कि यहां पर आने के बाद उनकी सारी चिंता दूर हो गई हैं।

एक बार तो उनके सामने समस्या बन गई थी, लेकिन अब ऐसी कोई चिंता नहीं है। इस आश्रम में अब फिलहाल 31 लोग रह रहे हैं। इसी प्रकार से निनाण के मिडल स्कूल मेें रह रहे यू.पी. के पीलीभीत निवासी रोहतास, संजीव व संतराम ने बताया कि वे कुल 8 लोग यहां पर मजदूरी के लिए आए हुए हैं। अचानक लॉकडाऊन होने के कारण उनकी मजदूरी भी चली गई। ऐसे में उनके सामने भोजन व रहने की समस्या बनी। 

अब उनको यहां पर आसरा भी मिल गया है और खाने के लिए भोजन भी। यहां पर उनको कोई परेशानी नहीं है। हालात ठीक-ठाक होते ही वे काम पर चले जाएंगे। गांव खरक कलां स्कूल में बने शैल्टर होम में रह रही झांसी की रहने वाली रामदेवी, सावित्री, सपना, सुखदेवी, राधा, पूनम और कांति ने बताया कि वे यहां आस-पास के क्षेत्र में काम पर आए थे। काम के बाद वे वापस जा रहे थे कि अचानक लॉकडाऊन हो गया, जिससे वे अपने घर नहीं जा सके। इन महिलाओं ने बताया कि उनको यहां पर किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है। जैसे ही लॉकडाऊन खुलेगा वे अपने बच्चों के पास अपने घर चले जाएंगे। उन्होंने बताया कि उनको यहां पर कोई परेशानी नहीं हो रही है। 

Isha