हरियाणा का सबसे पिछड़ा जिला नशा मुक्त भारत अभियान में शामिल, ड्रग्स माफियों की अब खैर नहीं

9/2/2020 10:50:36 PM

नूंह (एके बघेल): हरियाणा के सबसे पिछड़े जिला नूंह को भी नशा मुक्त भारत अभियान में शामिल किया गया है। इस जिले में जहां एक दशक पहले नशे के सामान को हाथ लगाना तक भी गुनाह समझा जाता था। अब उसी जिले में बड़ी तेजी से ड्रग्स माफिया अपने पैर जमा रहा है और हजारों युवाओं को नशे की दलदल में धकेल दिया गया है।



ड्रग्स माफिया इस कारोबार से मोटी कमाई करने में लगा है, तो युवा बड़ी तेजी से नशे की गर्त में धंसता जा रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह बेरोजगारी है। जिले के युवा पढ़े-लिखे होने के बावजूद भी रोजगार से वंचित हैं। इस जिले में उद्योग धंधे नहीं हैं। इसके अलावा यहां के युवाओं को सरकारी नौकरी में भी कम जगह मिलती है। इसके अलावा बहुत से युवा अनपढ़ भी हैं। जिसकी वजह से नशे की रफ्तार बड़ी तेजी से इस जिले में बढ़ती जा रही है। 

तेजी से ड्रग्स माफिया जिले में नशे के कारोबार को फैला रहा
जिले में इस समय कोरेक्स, नशे के इंजेक्शन, नशे की गोलियां, गांजा, हेरोइन इत्यादि के अलावा बीड़ी-गुटखा राज्य के दूसरे जिलों से कहीं ज्यादा लोग सेवन करते हैं। जिले के जितने भी सार्वजनिक शौचालय हैं, वहां खांसी के रूप में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की हजारों खाली शीशियां पड़ी हुई दिखाई दे जाती हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी तेजी से ड्रग्स माफिया इस जिले में नशे के कारोबार को फैला रहा है। 



नशे से घरों का सुखचैन उजड़ रहा
नशे से घरों का सुखचैन उजड़ रहा है। पति-पत्नी के बीच विवाद की खबरें सामने आती हैं। तो बहुत से युवा जवानी में ही मौत का शिकार हो चुके हैं। पुलिस विभाग समय-समय पर इस जिले में बड़े पैमाने पर गांजा, शराब, कोरेक्स की शीशी इत्यादि नशीले पदार्थों को बरामद करता है और आरोपियों को भी गिरफ्तार करता है , लेकिन इस जिले में नशे पर लगाम नहीं लग पा रही है। युवा व इलाके के गणमान्य लोग बढ़ते नशे से चिंतित हैं और इसके पीछे कहीं ना कहीं सिस्टम व समाज दोनों को दोषी मानते हैं। 

काम मिलता तो शायद पढ़ा लिखा युवा रास्ते से नहीं भटकता
युवाओं का यह भी कहना है कि अगर हाथों को काम मिलता तो शायद पढ़ा लिखा युवा रास्ते से नहीं भटकता। सरकार को इस जिले के युवाओं को काम धंधे से जोड़ने की जरूरत है, ताकि यहां का युवा नशे की दलदल के बजाय अपने भविष्य को बनाने में सवार ने पर ध्यान दें। जब इस बारे में जिला उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले ही लागू किया है। इसको लेकर दिशा निर्देश मिल चुके हैं। 



जिले में नशा करने वाले लोगों की पहचान करनी शुरू की
नूंह जिला इस अभियान में शामिल किया गया है। इस जिले में नशे को कैसे कंट्रोल किया जा सकता है। जिला प्रशासन इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है। इसके लिए प्रदेश, जिला व केंद्र स्तर पर कमेटियों का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नूंह जिले में नशा करने वाले लोगों की पहचान करनी शुरू कर दी गई है। डीसी नूंह ने कहा कि जिला प्रशासन यहां के नागरिकों के अलावा पुलिस प्रशासन इत्यादि की मदद से ड्रग्स माफिया के खिलाफ न केवल कठोर कार्रवाई करेगा, बल्कि नशे की दलदल में फंस रहे लोगों को भी बाहर निकालने का काम किया जाएगा। 

भाजपा जिला अध्यक्ष नूह नरेंद्र पटेल ने कहा कि पिछले कुछ समय में जिले में नशे का कारोबार बढ़ा है। ड्रग माफिया युवाओं को नशे के दलदल में धकेल रहा है। इस पर सरकार ने ध्यान दिया है और अब जिले में तेजी से नशा तस्करों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा पहले भी पुलिस प्रशासन नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करता रहा है। 



जब इस बारे में कांग्रेस अल्पसंख्यक सेल के प्रदेश उपाध्यक्ष मकसूद अहमद शिकरावा से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बड़े-बड़े दावे करती है। सत्ता में आने से पहले अच्छे दिन लाने के वायदे किए थे, लेकिन आज युवाओं के हाथ में कामकाज नहीं है। इसलिए हताश-निराश होकर युवा नशे की दलदल में धंसता जा रहा है। इसके लिए सरकार कसूरवार है। अगर ड्रग्स माफिया पर सख्ती से कार्रवाई करें, तो इस जिले से नशे का सफाया हो सकता है। 

vinod kumar