सरकार के अभियान को पलीता लगा रहे नगर परिषद के अधिकारी, लगे हैं कचरे के ढेर

11/14/2018 4:07:05 PM

रेवाड़ी(मोहिंद्र भारती): केंद्र व प्रदेश की सरकार भले ही सफाई अभियान पर जोर देती नहीं थक रही हों। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी ही सरकार के इस अभियान को पलीता लगाने में पीछे नहीं है। यह सब हम यूं ही नहीं कह रहे, बल्कि गलियों से लेकर मुख्य चौराहों तक लगे ये गंदगी के ढेर इस बात को खुद बयां कर रहे हैं। यह तस्वीर अहीरवाल की लंदन नगरी रेवाड़ी के महाराणा प्रताप चौक की है, जहां नगर परिषद का गोदाम भी मौजूद है। वहीं खाली पड़ी इस जमीन पर नगर परिषद में बोर्ड लगाकर साफ तौर पर चेतावनी भी दी हुई है।

जिसमें लिखा है कि यहां कूड़ा डालना मना है और कूड़ा डालने वालों पर 500 रुपये जुर्माना किया जाएगा। लेकिन इसका ना तो स्थानीय लोगों पर और ना ही नगर परिषद के कर्मचारियों पर कोई असर दिखाई दे रहा है। क्योंकि नगर परिषद के सफाई कर्मचारी ही आसपास का कूड़ा इकट्ठा करके यहां डाल रहे हैं। इस शहर की यह कोई अकेली तस्वीर नहीं है, जहां कचरे के ढेर लगे हो। शहर में दूसरे स्थानों पर भी रिहायशी बस्तियों के बीच कूड़े के अंबार लगे हुए हैं। लेकिन नगर परिषद अधिकारी बजाय सफाई करवाने के सरकारी आदेशों को ठेंगा दिखा रहे हैं और उन पर सरकार के आदेशों का कोई असर नहीं दिखाई दे रहा।

इसे लेकर जब लोगों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यहां कई-कई महीनों में जाकर सफाई होती है। सफाई न होने के कारण मक्खी मच्छरों का प्रकोप भी दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। वहीं, ये कचरे के ढेर आवारा पशुओं के लिए भी आरामगाह बन गए हैं। जब इसे लेकर नगर परिषद प्रशासक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था के लिए नगर परिषद के अधिकारियों को खासतौर पर निर्देश दिए गए हैं। 

जहां तक कचरे के ढेरों और गंदगी का सवाल है तो उसके लिए नगर परिषद द्वारा अंडरग्राउंड डस्टबिन के अलावा 100 डस्टबिन और रखवाए गए हैं। साथ ही उन्होंने आम लोगों से भी अपील की है कि वे भी अपने घरों और प्रतिष्ठानों के आगे कचरे का एक डब्बा जरूर रखें। ताकि सरकार के इस अभियान को सफल बनाया जा सके। अब देखना होगा कि प्रशासक के इन आदेशों का नगर परिषद अधिकारियों पर कितना असर होता है या फिर लोगों को इसी तरह गंदगी से दो चार होना पड़ेगा।

 
 

Rakhi Yadav