अंतरिक्ष में जाने पर जल्द आता है बुढ़ापा!

punjabkesari.in Tuesday, Oct 01, 2019 - 11:05 AM (IST)

फरीदाबाद (ब्यूरो): एनआईटी-3 स्थति ईएसआईसी मेडकिल कॉलेज व अस्पताल में फेडरेशन ऑफ इंडियन फि जियोलॉजी सांइसेज (फिप्स) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय कार्यशाला में रविवार को समापन हुआ। अंतिम दिन कार्याशाला में स्पेस फ्लाइट एंड ईजिंग विषय पर चर्चा की। इसमें बताया गया कि स्पेस में जाने पर मनुष्य को जल्दी बुढ़ापा आने लगाता है। मसल्स और बोन कमजोर होने लगते हैं। इसके लिए कुछ मेजर लिए जा रहे हैं। इसको कैसे कम किया सकता है। इसकी उसकी सफलता पर चर्चा की गई। इसके अलावा दिमागी बीमारी लकवा, हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक पर रिसर्च पेश की गई। इस दौरान फ्रांस, ऑस्ट्रिया, नेपाल, यूक्रेन से आए वैज्ञानिकों ने डॉक्टरों के समक्ष रिसर्च पर अपने प्रस्तुति दी। 

ईएसआईसी मेडकिल कॉलेज के डीन व फेडरेशन ऑफ इंडियन फि जियोलॉजी सांइसेज (फिप्स) के चेयरमैन डॉ असीम दास और महासचिव डॉ अनिल पांडे ने बताया कि रविवार को सुबह आठ बजे से शाम के सात बजे तक कार्यक्रम आयोजित हुए। इस दौरान ऑस्ट्रिया की मेडिजिनिस्चे विश्वविद्यालय ग्राज से आए वैज्ञानिक डॉ नंदू गोस्वामी ने अपनी रिसर्च की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्पेस में मनुष्य की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। उन्हें जल्द बुढ़ावा होने लगता है। इसकी वजह गुरुत्वाकर्षण होता है। इसके लक्षण करीब एक माह में दिखने लगते है। डॉ पांडे ने कहा कि ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रोजाना ऑस्टियोपोरोसिस के सैकडों मरीज इलाज के लएि आते हैं, जिनकी हड्डियां और मसल्स कमजोर होने लगती हैं।

उनके इलाज में नई रिसर्च को अपनाया जा सकता है। इसके अलावा वेस्कुलर फं क्शन टेस्ट पर रिसर्च पेश की गई। यह टेस्ट दिमाग की नसों के लिए किया जाता है। कार्यशाला के समापन पर रुपेश समानची एम्स दिल्ली, तूहिन भट्टाचार्य कलकता विश्वविद्यालय, साक्षी सेन मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज दिल्ली को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इसी तरह ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के सहायक प्रोफेसर संगीता नारंग और बीनू हंस को बेहतरीन पोस्टर प्रदर्शन के लिए पुरस्कार से नवाजा गया। इस अवसर पर हैदराबाद से डीआरडीओ दिल्ली से आए लिली गंजू, डॉ शशबिाला, पटना आईजीआईएमएस के डॉ एसआरए उत्तर प्रदेश जीआईएमएस से डॉ विवेक कुमार, ऋ शिकेश एम्स से आई डॉ लतिका मोहन सहित अनेक डॉक्टर मौजूद रहे।


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Isha

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