ओलम्पिक खिलाड़ियों का विरोध, सरकार पर भेदभाव का आरोप

3/24/2018 6:18:44 PM

भिवानी(अशोक भारद्वाज): भिवानी के भीम स्टेडीयम में हो रहे करोड़ों के दंगल स्थल के पास आज प्रदेश भर के ओलम्पियन मूक और बधीर खिलाडिय़ों ने प्रदेश व केंद्र सरकार पर भेदभाव के आरोप लगाया। उन्होंने सरकार की खेल नीति पर प्रशनचिन्ह उठाया है और मूक और बधीर खिलाडिय़ों ने अपने हाथों में अपनी मांगों के श्लोगन -पट्टी लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

उनके वार्तानुसार उनका कहना है, सरकार हम पर अत्याचार क्यों कर रही हैं हमें अपनी माँगों के लिए सरकार और सरकार के मंत्रियों के दरबारों के बार बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। प्रदर्शनकारी ओलम्पिक खिलाड़ी वीरेंद्र कुमार के साथ अनेक खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर के हैं। जिनको सरकार ने अभी तक सम्मान नहीं दिया है।

खेल नीति में शामिल करने के बाद भी इन खिलाडिय़ों को सरकार की खेल नीतियों का लाभ नहीं मिल रहा हैं। कई वर्ष से अपने अधिकारों की आवाज उठा रहे वीरेंद्र व उनके साथियों का मूक भाषा में संकेत से कहना है कि सरकार उनके साथ भेदभाव कर रही है इसे लिए सरकार उनको भी सामान्य खिलाडिय़ों की तरह सम्मान दे नहीं तो वे कोर्ट की शरण लेंगे।



वहीं इनके साथ आए परिजन सौरभ और रामबीर ने बताया कि इन खिलाडिय़ों में अर्जुन अवॉर्डी, ओलम्पिक खिलाड़ी भी हैं। जब उनके साथ अन्याय हो रहा है तो बाकि के खिलाडिय़ों की बात तो दूर रही। इसलिए सरकार उनकी आवाज को सुने और इन खिलाडिय़ों को सम्मान दे। 



पहलवान सुशील कुमार को दी है पटखनी
वीरेंद्र उर्फ गूंगा पहलवान हरियाणा प्रदेश के जिले झज्जर के गांव सासरोली का रहने वाला है। डिफ़ एन्ड डैम खिलाडी वीरेंद्र के परिजनों ने बताया कि वीरेंद्र अनेक स्थानों पर गोल्ड मैडल जीत चुके हैं। यदि वीरेंद्र सामान्य खिलाडियों के साथ भी मुकाबला करे तो यह सुशील पहलवान के बराबर का खिलाड़ी है। सुशील पहलवान भी मानते हैं कि वह वीरेंद्र को नहीं हरा पाए।

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