सबसे बुरे दौर से गुजर रही ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी

7/31/2019 9:55:44 AM

जींद (जसमेर) : पूर्व सीएम और इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इनैलो अपने सबसे बुरे राजनीतिक दौर से गुजर रही है। इनैलो इससे पहले कभी इतने बुरे हालात में विधानसभा चुनावों में नहीं उतरी थी, जितने बुरे हालात में वह अक्तूबर में होने वाले हरियाणा विधानसभा के चुनावों में उतरने जा रही है। खुद 84 साल की उम्र पार कर चुके पूर्व मुख्यमंत्री और इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकश चौटाला अपने 60 साल से  जयादा के लंबे राजनीतिक जीवन की सबसे कड़ी परीक्षा से इस समय गुजर रहे हैं। इनैलो सुप्रीमो और उनकी पार्टी के लिए हालात 2014 के विधानसभा चुनावों से भी कहीं  जयादा विकट हैं। 

देश के पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल ने 1960 के दशक में कांग्रेस से अलग होकर अपना क्षेत्रीय दल बनाया था। उनका क्षेत्रीय दल कभी लोकदल तो कभी दलित मजदूर किसान पार्टी, कभी हलोदरा तो कभी जनता दल और जनता पार्टी रहा। अब 1996 के विधानसभा चुनावों से चौधरी देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी का नाम इनैलो है। इनैलो को खुद पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला ने अपने हाथों से बनाया और राजनीतिक रूप से खड़ा करने का काम किया। ओमप्रकाश चौटाला भले ही 4 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में 5 साल से ’यादा का कार्यकाल इनैलो के मुख्यमंत्री के रूप में पूरा किया। 

2009 के विधानसभा चुनावों में इनैलो को 32 सीटों पर जीत मिली थी तो ओमप्रकाश चौटाला और उनके बड़े बेटे अजय चौटाला के जेबीटी भर्ती प्रकरण में जेल में जाने के बावजूद 2014 में हुए विधानसभा चुनावों में इनैलो और उसके सहयोगी अकाली दल के हाथ 20 विधानसभा सीट लगी थी।

विरोधियों के अलावा इस बार घर वाले भी रोकेंगे इनैलो की राह
इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इनैलो को अक्तूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा जैसे अपने विरोधी राजनीतिक दलों के साथ-साथ अपने घर वालों की पार्टी जेजेपी भी इनैलो की राह रोकने जा रही है।  इसके लिए अभय सिंह चौटाला के साथ-साथ खुद इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला भी जेल से पैरोल पर बाहर आते ही पसीना बहाने में लग जाते हैं। इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला अपने समर्थकों को यह भरोसा देने में लगे हैं कि अक्तूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों में वह खुद जनता के बीच होंगे। यह कहकर ओमप्रकाश चौटाला इनैलो के बचे-खुचे वोट बैंक दूसरे दलों की सेंधमारी से बचाने का प्रयास कर रहे हैं। यह चुनावी नतीजे बताएंगे कि इनैलो और ओमप्रकाश चौटाला अपने इस बचे-खुचे वोट बैंक को कहां तक सहेज कर रख पाते हैं। 

Edited By

Naveen Dalal