सूरजकुंड मेले पर ओमिक्रॉन का ग्रहण!, हरियाणा टूरिज्म ने लिया मेला स्थगित करने का निर्णय

1/9/2022 2:58:31 PM

फरीदाबाद (महावीर गोयल):  सूरजकुंड में लगने वाले अंतराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले पर फिलहाल कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन ने ग्रहण लगा दिया है। हरियाणा टूरिज्म विभाग ने कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए मेले को स्थगित करने का निर्णय लिया है। बता दें कि इस बार 4 फरवरी से 20 फरवरी तक सूरजकुंड मेला आयोजित करने का निर्णय लिया गया था तथा इसे लेकर टूरिज्म विभाग जोर-शोर से तैयारियों में जुटा हुआ था परंतु जिस तेजी के साथ संक्रमण फैल रहा है, उससे मेले की तैयारियों पर पानी फिर गया है। अब स्थितियां बदलने पर मेले के आयोजन की तिथिा निर्धारित की जाएगी।

कोरोना की दूसरी लहर आने के कारण पिछले साल अंतराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले के आयोजन को रद्द कर दिया गया था। इस बार भी मेले के आयोजन को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी परंतु सरकार ने कोरोना के मामले कम होने पर इस बार मेले की अवधि को घटाते हुए 4 फरवरी से 20 फरवरी तक मेला आयोजित करने का निर्णय लिया था। इतना ही नहीं सूरजकुंड मेले के थीम स्टेट पर भी मुहर लग चुकी थी। इस बार अंतराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले की थीम जम्मू एंड कश्मीर निर्धारित की गई थी। वहीं पार्टनर कंट्री के रूप में ब्रिटेन का नाम पहले ही फाइनल हो चुका था। इस बार मेले में देश-विदेश से लगभग 1300 हस्तशिल्पी हिस्सा लेने वाले थे। इसके अलावा अलग-अलग प्रदेशों और देशों से 1500 से अधिक कलाकार अपनी प्रस्तुति से सांस्कृतिक परिवेश का अहसास कराते। विशेष बात यह भी थी कि इस बार मेले का आयोजन अमृत महोत्सव पर केंद्रित रखा जाना था।

बता दें कि अंतराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला देश विदेश के अलावा दिल्ली एनसीआर का सबसे प्रसिद्ध मेला है। इस मेले में पर्यटकों को मिनी भारत की झलक मिलती है। कोविड के बाद 2021 में इस मेले का आयोजन नहीं हुआ। 2020 में आयोजित हुए 34वें इंटरनैशनल सूरजकुंड क्राफ्ट मेले में थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश था और पार्टनर कंट्री उज्बेकिस्तान को बनाया गया था। इसके बाद साल 2021 में मेले का आयोजन ही नहीं हुआ जिससे पर्यटक मायूस हो गए थे। वहीं इस बार उम्मीद थी कि अरावली की वादियों में स्थित सूरजकुंड परिसर की मेले के कारण रौनक लौट आएगी परंंतु इस बार भी दर्शकों को फिलहाल मायूस ही होना पड़ेगा।

इस बार साल 2022 में अंतराष्ट्रीयसूरजकुंड मेले का आयोजन होना था लेकिन कोरोना की वजह से सरकार ने इसे स्थगित करने का फैसला ले लिया है। इस मेले में देश विदेश के कलाकार और कलाओं का संगम होता था। एनसीआर के अलावा कई राज्यों से पर्यटक मेले को निहारने के लिए पहुंचते थे।

हर दिन लोगों को अलग अलग कलाकारों की विधाओं और उनके हाथों से बनी चीजों को देखने का मौका मिलता था लेकिन इस साल भी पर्यटकों को मायूस होना पड़ेगा। सूरजकुंड में लगने वाले हस्तशिल्प मेले में दुनियाभर भर के 20 से अधिक देश भी हिस्सा लेते हैं। इन एशियन, साउथ अफ्रीका और यूरोप की कंट्री शामिल होती है। इसके अलावा इन देशों के न केवल कलाकार बल्कि पर्यटक भी मेले में घूमने के लिए आते हैं। मेले में आने वाले अपनी संस्कृति से स्थानीय और विदेशी पर्यटकों को रूबरू कराते हैं। करीबन 6 माह पहले से मेले की तैयारी शुरू कर दी जाती है। जिसमें कंट्री पार्टनर और थीम स्टेट चुना जाता है। इसके अलावा भारत के सभी राज्यों के कलाकार मेले में हिस्सा लेते हैं।

राजस्व का होगा घाटा
कोरोना के कारण इंटरनैशनल सूरजकुंड क्राफ्ट मेले का आयोजन इस बार भी  न होने से हरियाणा टूरिजम के राजस्व पर तो असर पड़ेगा ही साथ में उनक कलाकारों को भी नुकसान होगा जो हस्तशिल्प से जुड़े हुए हैं। क्योंकि मेले की अवधि के अंदर कलाकार अपने हस्तशिल्प को बेच कर मुनाफा कमाते थे लेकिन उनके मुनाफे पर कोरोना का ग्रहण लग चुका है। वहीं हरियाणा टूरिजम के राजस्व  पर भी साफ असर पड़ेगा।
 

Content Writer

Shivam