हड़ताल के 5वें दिन आढ़तियों का आमरण अनशन शुरू, करनाल मंडी में बैठक कर बनाई रणनीति

9/23/2022 4:34:41 PM

करनाल: ई-ट्रेडिंग प्रणाली और बढ़ाई गई मार्केट फीस समेत कई मांगों को लेकर प्रदेशभर में आढ़तियों की हड़ताल कई दिन से जारी है। वहीं शुक्रवार को हड़ताल के पांचवे आढ़ती एसोसिएशन के 7 सदस्य करनाल की अनाज मंडी में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। आढ़तियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक वे आमरण अनशन से नहीं उठेगें। वहीं दूसरी ओर किसानों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कुरुक्षेत्र में जीटी रोड को जाम कर दिया है। किसानों की मांग है कि हरियाणा सरकार को 1 अक्टूबर की बजाए तुरंत धान की सरकारी खरीद शुरू करनी चाहिए।

 

करनाल में 7 लोगों का आमरण अनशन शुरू

 

शुक्रवार को मांगों को लेकर आढ़तियों ने सीएम सिटी की नई अनाज मंडी में धरना दिया। दोपहर बाद मंडी के एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक गुप्ता, करनाल नई अनाज मंडी के प्रधान रजनीश चौधरी, प्रदेश महासचिव बिट्‌टू चावला, विजय छाबड़ा, नितिन बजाज सहित 7 आढ़ती आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। 

 

21 को करनाल में किया था सीएम आवास का घेराव

 

बात दें कि प्रदेशभर के आढ़ती अपनी मांगों को लेकर 19 सितंबर से हड़ताल पर चले गए थे। उसके बाद बीते बुधवार को प्रदेशभर  के आढ़तियों ने करनाल स्थित मुख्यमंत्री आवास का घेरवा कर सीएम के प्रतिनिधी संजय बठला को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा था। आढ़तियों ने अपने ज्ञापन के माध्यम से मांगें पूरी करने के लिए सरकार को 22 सितंबर तक का समय दिया था। इसके बाद भी मांगें पूरी ना होने के चलते आढ़तियों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। मंडी प्रधान रजनीश चौधरी ने कहा कि आढ़तियों की मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू किया गया है। 7 लोग आज अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जनता की बात सुनने के लिए होती है, लेकिन प्रदेश सरकार उनकी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। अभी तक बातचीत के लिए सरकार की तरफ से कोई न्योता नहीं आया है। जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी। आमरण अनशन पर बैठे आढ़ती एसोसिएशन स्टेट के कोषाध्यक्ष बिट्टू कालड़ा ने कहा कि आढ़तियों की विभिन्न मांगों को लेकर वह अनशन पर बैठे हैं। सरकार ने हरियाणा में मार्किट फीस बढ़ा दी है, जबकि चार राज्यों में फीस कम है। इस कारण उनकी मंडियों का माल अन्य राज्यों में जाता है, जिससे सरकार का भी नुकसान होता है। 

 

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Content Writer

Gourav Chouhan