यमुनानगर, पानीपत थर्मल में कोयला खत्म होने की कगार पर, मात्र 2 -3 दिन का शेष

5/3/2018 11:27:17 PM

चंडीगढ़ (धरणी ): यमुनानगर, पानीपत व हिसार के थर्मल प्लांट कोयले पर आधारित हैं। पानीपत में जहां मात्र 2 -3 दिन का कोयला शेष है वहीं हिसार थर्मल प्लांट में 2 दिन का कोयला बकाया है। कोयले का स्टॉक न होने के चलते अधिकारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारी लगातार वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हैं और वरिष्ठ अधिकारियों ने यह मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया है। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने भी केंद्रीय कोयला मंत्री को पत्र लिखकर जल्द से जल्द कोयले का इंतजाम करने का अनुरोध किया है। यमुनानगर में दो यूनिट में से एक बंद कर काम चलाया जा रहा है।

क्या है स्थिति कोयले की 
पानीपत थर्मल प्लांट में जहां 210 मेगावाट के 2 यूनिट हैं और 250 मेगावाट के 2 यूनिट हैं, वहां प्रतिदिन 15हजार टन कोयले की खपत होती है अगर कोयला प्रतिदिन आता रहे तो थर्मल चलाने में कोई दिक्कत नहीं । बात अगर हिसार थर्मल प्लांट की करें जहां 600 मेगावाट के 2 यूनिट काम कर रहे हैं वहां भी 15 से 16हजार टन प्रति दिन की कोयले की खपत है, यहां मात्र 2-3 दिन का कोयला बकाया है। इसी तरह यमुनानगर थर्मल प्लांट का एक यूनिट जो कि 300 मेगावाट का है मैं बिजली उत्पादन चल रहा है जबकि दूसरा 300 मेगावाट का यूनिट मरम्मत के लिए बंद है, यहां 2 सप्ताह का कोयला शेष है।

क्या कहते हैं बिजली विभाग के ए सी एस
हरियाणा बिजली विभाग के ए सी एस  पी के दास का कहना है कि हरियाणा के थर्मलो में कोयले की कमी है यह कमी जहां सरकारी थर्मल प्लांट के लिए है वही प्राइवेट थर्मल भी इससे प्रभावित हो रहे हैं इसी के चलते बिजली उत्पादन में कमी हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री ने भी केंद्रीय कोयला मंत्री से बात की है और इसका शीघ्र समाधान करने का अनुरोध भी किया है।

Shivam