किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदा जाएगा: कर्णदेव कंबोज

10/18/2018 5:31:36 PM

कैथल(जोगिंद्र कुंडू): राज्यमंत्री कर्ण देव कंबोज नई अनाज मंडी में धान खरीद के निरीक्षण से पूर्व प्रेस प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए कहा कि पहली बार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा सबसे ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को मिल रहा है। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट से भी ज्यादा किसानों को भाव दिया जा रहा है। प्रदेश में गत 18 अक्तूबर तक 38 लाख 49 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। इस वर्ष धान की फसल का औसत उत्पादन गत वर्षों की अपेक्षा कम है। 

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा धान खरीद में किसानों की मांग पर नमी की मात्रा में 22 प्रतिशत तक कटौती के साथ छूट प्रदान की है। निर्धारित 17 प्रतिशत से अधिक नमी के प्रत्येक प्रतिशत पर 17 रुपए की कटौती के साथ धान की फसल खरीदने की अनुमति दी गई है। किसानों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि किसान धान की फसल को पूरी तरह सूखने के बाद ही कटाई करवाएं। ताकि निर्धारित नमी से ज्यादा नमी न हो और किसानों को पूरा मूल्य मिल सके। मशीनों से फसल कटाई करवाने पर नमी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि 22 प्रतिशत से अधिक नमी वाली फसल खरीदने के बाद टैग करने के समय आग लगने की आशंका बनी रहती है। 

इसलिए किसान अपनी फसल सुखाकर ही बिक्री करें। सरकार द्वारा मंडी सीजन समाप्त होने के बाद राईस मिलों की फिजिकल वैरीफिकेशन करवाने के साथ-साथ थर्ड पार्टी वैरीफिकेशन भी करवाई जाएगी। सरकार द्वारा गत दिनों किसान संगठनों के साथ कटौती के संदर्भ में आयोजित बातचीत के बाद 2 कमेटियां बनाई गई थी। जिनके निर्णय अनुसार ही एक क्विंटल पर 850 ग्राम की कटौती की बात तय हुई थी। उन्होंने कहा कि यदि किसान की धान की फसल में 22 प्रतिशत नमी है तो न्यूनतम समर्थन मूल्य से 85 रुपए प्रति क्विंटल कम करके फसल खरीदी जाएगी।

गत 3-4 वर्षों से निरंतर धान की फसल लेने वाले राईस मिलों से कोई चार्ज नही लिया जाएगा। उन्होंने मौके पर धान की ढ़ेरियों की नमी भी चैक की तथा भरे गए बैगों का भी तोल चैक किया। उन्होंने हड़ताल पर कहा कि हड़ताली कर्मचारियों ने त्यौहार के अवसर पर ऐसी हड़ताल नही करनी चाहिए थी। सरकार द्वारा चक्का जाम को बर्दाश्त नही किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार परिवहन विभाग का निजीकरण नही कर रही है। प्रदेश में परिवहन बेड़े में 4100 बसें हैं, जिन्हें बढ़ाकर 4500 बसें ही किया जा सकता है, जिसकी प्रक्रिया जारी है। 

प्रदेश की जनसंख्या के हिसाब से प्रदेश में लगभग 12 हजार बसों की आवश्यकता है। इस गैप को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा प्रति किलोमीटर के हिसाब से निजी मालिकों की बसे चलाने का फैसला किया गया है। इन बसों में परिचालक भी सरकारी होंगे तथा टिकट भी सरकारी होंगी। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रणाली शुरू करने से प्रति किलोमीटर सरकार को 5 रुपए की बचत भी होगी। हर वर्ष सैंकड़ों बसें कंडम हो रही हैं तथा सरकार द्वारा इस गैप को पूरा करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।


 

Rakhi Yadav