गैस पाइप लाइन कम्पनी से 1 करोड़ 68 लाख रुपए की ठगी

punjabkesari.in Saturday, Jun 25, 2022 - 09:37 AM (IST)

रोहतक : पुलिस टीम ने सर्वे कम्पनी के कर्मचारी द्वारा धोखाधड़ी करके गैस पाइप लाइन जी.आई.जी.एल (जी.एस.पी.एल. इंडिया गैस नैट लिमिटेड) कंपनी से एक करोड 68 लाख रुपए मुआवजा राशि ठगने की वारदात का खुलासा किया है। वहीं इसमें शामिल रहे मुख्य आरोपी व उसके साथी को गिरफ्तार कर शुक्रवार कोर्ट में पेश किया गया। यहां पर पुलिस ने कोर्ट से 6 दिन के रिमांड पर हासिल किया गया है। जांच अधिकारी सन्नी ने बताया कि पुलिस टीम ने छापेमारी करते हुए मुख्य आरोपी विकास पुत्र विजय निवासी तिलक नगर व उसके साथी कर्मजीत पुत्र रघबीर भिवानी चुंगी को गिरफ्तार किया गया है।
 
उन्होंने बताया कि आरोपी विकास सिकॉन कम्पनी में कम्पयूटर ऑप्रेटर के पद पर तैनात रहा है। कम्पनी द्वारा मुआवजा वितरण के लिए जो अवार्ड तैयार किए जाते थे। आरोपी विकास द्वारा रिकैंसिलेशन स्टेटमैंट तैयार की जाती थी।  सरकारी विभाग, पंचायती विभाग, रेलवे विभाग आदि की जमीन की रिकैंसिलेशन स्टेटमैंट में विकास फेरबदल करके अपना व अपने जानकारों का नाम दर्ज कर उनके नाम से चैक तैयार करवाता था। कम्पनी द्वारा चैक मिलने के बाद विकास अपने व अपने जानकारों के खाते में चैक लगाकर पैसे निकाल लेता था। आरोपी विकास, कर्मजीत व उसके जानकारों ने मिलकर एक करोड 68 लाख 65 हजार 655 रुपए की राशि हड़प रखी है। वारदात में शामिल अन्य आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

ये है मामला:
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक जी.आई.जी.एल. कम्पनी एक्ट 2013 के तहत एक सरकारी कंपनी है, जिसका मुख्यालय गांधीनगर, गुजरात में स्थित है। भारत सरकार ने जी.आई.जी.एल. को मेहसाना से पानीपत तक के लिए भूमिगत गैस पाइप लाइन डालने के लिए अधिकृत किया हुआ है।  गैस पाइप लाइन डालने के लिए कम्पनी द्वारा जमीन का अधिग्रहण करने की नियमानुसार कार्रवाई की गई। हरियाणा राज्य क्षेत्र में पाइप लाइन डाली जाने वाली अर्जित भूमि का संपूर्ण विवरण के अलावा संबंधित कार्य के लिए जी.आई.जी.एल. ने सक्षम प्राधिकारी को उपरोक्त तकनीकि सहायता प्रदान करने के लिए सिकॉन कंपनी से अनुबंध किया हुआ था। सिकॉन कम्पनी का परियोजना आफिस वर्ष 2019 से फरवरी माह 2022 तक हैफेड रोड, सुखपुरा चौक, रोहतक में था।

कम्पनी द्वारा कार्य पूर्ण करके अपनी रिपोर्ट जी.आई.जी.एल. कम्पनी को मार्च 2022 में सौंप दी। जी.आई.जी.एल. कम्पनी द्वारा डिटेल का मिलान किया गया, जिसमें सामने आया कि कम्पनी द्वारा भेजी गई मुआवजा राशि के चैक प्राप्त कर सरकार, पंचायत, रेलवे व अन्य सरकारी महकमों से संबंधित मालिकाना भूमि के नाम पर मुवाअजा राशि प्राइवेट लोगों को वितरित की गई।  जी.आई.जी.एल. कम्पनी के रिकार्ड अनुसार वितरित की गई मुवाअजा राशि में न ही आरोपी भूमि मालिक हैं और न ही उनकी भूमि में पाइप लाइन डाली गई। आरोपियों ने जी.आई.जी.एल कम्पनी से धोखे से मुआवजा राशि के रूप में करीब 1,68,65,655 रुपए जालसाजी कर हड़प ली।
 


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Content Writer

Isha

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