एक नजर: ''...ऐसे तो लक्ष्मण तक संजीवनी बूटी नहीं पहुंचा पाएंगे आज के हनुमान''

5/9/2021 11:38:12 PM

नरवाना (गुलशन): आदिकाव्य रामायण में मेघनाद के बाण से मूच्र्छित हुए लक्ष्मण को वापस चेतना में लाने के लिए हनुमान जी तो संजीवनी लेकर समय पर पहुंच गए थे, लेकिन इस समय कोरोना की जंग में संजीवनी बनी ऑक्सीजन के समय पर न पहुंचने से तड़प रहे कई 'लक्ष्मणों' यानि कोरोना मरीजों को जिंदगी से हाथ धोना पड़ सकता है। हालांकि सरकार ऑक्सीजन तो मुहैया करवा रही है, लेकिन वह 'संजीवनी बूटी' की तरह समय पर पहुंच नहीं पा रही है, क्योंकि इसे लाने वाले 'हनुमान' की रफ्तार बहुत कम है, जिससे देर होने की संभावना बहुत अधिक है।

दरअसल, हम बात कर रहे हैं नरवाना के नागरिक अस्पताल में पहुंचाई जाने वाली ऑक्सीजन की। यहां मरीज जिंदगी व मौत के बीच जंग लड़ रहे होते हैं तो वहीं नागरिक अस्पताल में गाड़ी न होने के कारण ऑक्सीजन सिलेंडर ऑटो रिक्शा में मंगवाएं जा रहे हैं, जिससे समय बर्बाद होता है और लापरवाही के कारण किसी की जान भी जा सकती है। बता दें कि इस ऑटो रिक्शा से जींद से नरवाना आने जाने का सफर 4 घण्टे में तय होता है और इन 4 घंटों में ऑक्सीजन की कमी से कोई मरीज दम तोड़ सकता है।
 

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Content Writer

Shivam