आज के ही दिन डेरा प्रेमियों की हिंसा की चपेट में आया था सिरसा का मिल्क प्लांट, बिजली घर (VIDEO)

8/25/2018 5:56:08 PM

सिरसा(सतनाम सिंह): साध्वी यौन शोषण मामले में 25 अगस्त 2017 को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाए जाने के बाद पंचकूला एवं सिरसा में डेरा प्रेमियों ने हिंसा का तांडव किया। सिरसा में गांव बेगू के 132 केवी सब स्टेशन में डेरा प्रेमियों की भीड़ ने आग लगा दी और जमकर तोड़ फोड़ की। बिजलीघर में खड़े पुलिस के वाहन एवं विभाग के वाहन जला दिए। इसके अलावा 6 कर्मचारियों के वाहन भी आग के हवाले कर दिया। होशियार सिंह भी उन 6 में से एक विभाग का एक कर्मचारी है। पर अभी तक उसे अपने बाइक का मुआवजा नहीं मिला है।



भीड़ ने बिजलीघर में पॉवर ट्रांसफार्मर एवं दूसरे उपकरण आग के हवाले कर दिए। करीब सवा तीन करोड़ रूपए का नुक्सान हुआ। भीड़ ने इसके बाद पुराने डेरा के पास स्थित वीटा मिल्क प्लांट को आग के हवाले कर दिया। भीड़ ने सबसे पहले पार्किंग में खड़े वाहनों को निशाना बनाया। मिल्क टैंकरों के अलावा बाइक,  साइकिलों को आग लगा दी। किसी भी वाहन मालिक को उसके वाहन का मुआवजा नहीं मिला है।



मिल्क प्लांट में कार्यरत कर्मचारी बताते हैं कि उस दिन लोगों के पास सरिए, डंडे, तलवारें, पत्थर थे। उनकी बाइक को भीड़ ने उसकी आंखों के सामने जला दिया और वह बेबस खड़े देखते रहे। अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। हाईकोर्ट ने मुआवजे का मरहम लगाने के आदेश दिए, सरकार की ओर से लोगों से नुक्सान संबंधी आवेदन प्रपत्र भी भरवाए। वेरीफिकेशन भी हुई, पर एक साल के बाद भी सरकार पीड़ितों के जख्मों पर मुआवजे का मरहम नहीं लगा सकी है। वहीं डेरा के पूर्व साधु गुरदास तूर और दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने डेरे की बढ़ती गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की है।



डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के जन्मदिन के दिन 15 अगस्त डेरा में काफी संख्या में डेरा के अनुयायी पहुंचे थे डेरा चीफ का जन्मदिन मनाया गया था। हालांकि  डेरा में चल रही फैक्ट्रिया अभी बंद पड़ी हैं, डेरा का माही सिनेमा भी बंद पड़ा हुआ है, लेकिन डेरा में नाम चर्चा में काफी संख्या में लोग जुटते हैं।



वहीं डेरा के पूर्व साधु गुरदास तूर ने बताया कि हालांकि डेरा के स्कूल, हॉस्पिटल जैसे संसथान सरकार की देख रेख में चल रहे हैं। लेकिन आज भी डेरा के प्रबंधक इस कोशिश में है कि डेरा में पहले जैसी गतिविधिया शुरू हों। गुरदास ने शंका जाहिर की कि यदि ये ऐसे ही चलता रहा तो ये लोग डेरा प्रमुख को जेल से छुड़ाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। तूर ने डेरा की बढ़ती गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की है।



उधर दिवंगत पत्रकार राम चंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने डेरा के दोबारा से पुनरुत्थान पर कहा कि पहले जिस तरह से डेरा एक पैरलर सरकार चला रहा था लेकिन अब डेरा उस तरह से दोबारा से नहीं चल सकता। हालांकि डेरा मैनेजमेंट की तरफ से कोशिश की जा रही है। अंशुल ने कहा कि जब तक डेरा की सम्पतियों की जाँच की जा रही है एसआईटी की जांच चल रही है, तब तक डेरा को किसी तरह की परमिशन नहीं देनी चाहिए। 

Shivam